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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए दिनेश गुणवर्धने, जानिए उनके बारे में सब कुछ
Sri Lanka Crisis: अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में नय राष्ट्रपति के बाद अब नए प्रधानमंत्री की ताजपोशी हुई है। दिनेश गुणवर्धने को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
Sri Lanka Economic Crisis: अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में नय राष्ट्रपति के बाद अब नए प्रधानमंत्री की ताजपोशी हुई है। दिनेश गुणवर्धने को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। विक्रमसिंघ के हमउम्र गुणवर्धने उनके सहपाठी रह चुके हैं। श्रीलंका की राजनीति में वे पुरान मजबूत स्तंभों में से एक हैं। इसी साल अप्रैल में पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें देश का गृह मंत्री बनाया था। इसके अलावा वह विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।
बता दें कि श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश से छोड़कर भाग गए। उन्होंने विदेश से ही ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा भेजा। उनके भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहले ही पद छोड़कर श्रीलंका में किसी अज्ञात स्थान पर रह रहे हैं। गोटबाया के पद छोड़ने के बाद स्पीकर ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया था। जो बुधवार को संसद में हुए गुप्त मतदान में देश के अगले राष्ट्रपति चुने गए, उन्होंने गुरूवार को इस पद की शपथ ली।
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनते प्रदर्शन तेज
प्रधानमंत्री से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंकाई जनता को कतई मंजूर नहीं हैं। यही वजह है कि उनके शपथ लेते ही देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। गुरूवार देर रात राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर, गाले फेस में फोर्स और सैकड़ों प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए। प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए जब सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ने शुरू किए।
तो प्रदर्शनकारी इससे उग्र हो गए। गाले फेस पर प्रदर्शनकारी जमा हो गए व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन कारियों का कहना है कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे हमें नष्ट करना चाहते हैं, वे फिर से ऐसा कर रहे हैं, लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे। हम अपने देश को ऐसी घटिया राजनीति से मुक्त बनाना चाहते हैं।
राजपक्षे परिवार का नहीं जनता का मित्र
विक्रमसिंघे देश में अपने खिलाफ तेज हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि वह देश में ऐसा बदलाव लाएंगे, जो लोग चाहते हैं। सरकारी सिस्टम में बदलाव की जरूरत है, जिसे हम करेंगे।
बता दें कि श्रीलंका आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। वहां खाने-पीने समेत रोजमर्रा की तमाम चीजों की जबरदस्त किल्लत है। महंगाई चरम सीमा को पार कर चुकी है। ईंधन के लिए फ्यूल स्टेशनों के बाहर कई दिनों तक लोगों की कतार लगी रहती है। श्रीलंकाई जनता इस बदहाली के लिए राजपक्षे परिवार और उनके आसपास के नेताओं को जिम्मेदार मानती है।