Sri Lanka crisis: ये रही श्रीलंका के कलयुगी रावण गोटबाया राजपक्षे की जन्मकुंडली और इंडिया से कनेक्शन

Sri Lanka crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 2019 में चुनाव जीते और राष्ट्रपति बने। आर्मी पृष्ठभूमि वाले पहले राष्ट्रपति हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 6 April 2022 11:52 AM GMT
Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa
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श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे। (Social Media)

Sri Lanka crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (gotabaya rajapaksa) ने उस देश को बर्बाद कर दिया जिसे 2009 से 2019 के बीच की तरक्की के बाद दुनिया मिसाल मानने लगी थी। हालतों की बात करें, तो देश दिवालिया हो चुका है। महिंदा राजपक्षे की सरकार (Mahinda Rajapaksa government) के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इन 26 में से 4 मंत्री राजपक्षे फैमली से आते थे। गोटबाया राजपक्षे (gotabaya rajapaksa देश में अब ऐसी सरकार की बात कर रहे जिसमें विपक्ष के नेता मंत्रिमंडल का हिस्सा बन जाएंगे।

श्रीलंका में जनता ने विद्रोह पर लगाया आपाताकाल

श्रीलंका में जनता ने विद्रोह कर दिया तो आपाताकाल लगा दिया। देशके सबसे ताकतवर राजपक्षे परिवार से हैं श्रीलंकाई राष्ट्रपति। इनका इंडिया और आर्मी से भी कनेक्शन है. नेता बनने से पहले वो काफी समय सेना में थे।

गोटबाया राजपक्षे (gotabaya rajapaksa) 20 जून, 1949 को मतारा जिले के पलतुवा के एक बौद्ध सिंहली परिवार में जन्मे थे. नौ भाई-बहनों में पांचवें नंबर पर आते हैं। पिता डीए राजपक्षे 18 साल तक संसद सदस्य रहे हैं। गोटबाया के बड़े भाई महिंदा पीएम हैं। तो भाई, चमल और बेसिल सरकार में मंत्री थे। गोटबाया (gotabaya rajapaksa) 2019 में चुनाव जीते और राष्ट्रपति बने। आर्मी पृष्ठभूमि वाले पहले राष्ट्रपति हैं। गोटबाया (gotabaya rajapaksa) ने जब लिट्टे उग्रवादियों का देश से सफाया किया तो हीरो बन गए।

गोटबाया की शिक्षा

1971 में श्रीलंकाई आर्मी जॉइन करने से पहले उन्होंने कोलंबो के आनंद कॉलेज से सेकंड्री एजुकेशन पूरा किया था। सर्विस के दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से डिफेंस स्टडीज में मास्टर्स डिग्री ली। मिलिट्री ट्रेनिंग इंडिया में ही पूरी की है। ये ट्रेनिंग असम के जंगलों में हुई। इसके बाद इंडिया, अमेरिका और पाकिस्तान में एडवांस्ड मिलिट्री ट्रेनिंग ली।

देश बर्बाद करने से पहले लिट्टे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में 40 हजार अल्पसंख्यक तमिल मारे गए थे। उनकी हत्या का भी आरोप राष्ट्रपति पर हैं। वर्ष 2015 में राष्ट्रपति चुनाव हुए। इस चुनाव में गोटबाया राजपक्षे और उनके परिवार ने चीन से लिया कर्ज अपने चुनाव प्रचार पर जमकर खर्च किया।

वर्ष 2019 के राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे ने ऐलान किया कि जीत के बाद वैट वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को आधा कर देंगे। सत्ता पर काबिज होते ही वैट को 15 से घटा 8 फिसद कर दिया गया। इसका नुकसान देश की जीडीपी (GDP) के 2 प्रतिशत के बराबर है।

अप्रैल 2021 में सरकार ने बिना किसी पुख्ता योजना के जैविक खेती को बढ़ावा देने का मन बना लिया। आननफानन में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ये सब तब हुआ जबकि देश का करीब 90% किसान खेती के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करते थे।

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Deepak Kumar

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