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Sri Lanka crisis: श्रीलंका में आसान नहीं आगे की राह, राजपक्षे के इस्तीफे के बाद आखिर कौन संभालेगा कमान
Sri Lanka crisis: आर्थिक बदहाली के चलते श्रीलंका में हालात पूरी तरह बेकाबू हो चुके हैं। महंगाई और खाद्य संकट से बेहाल लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। जनविद्रोह के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे फरार हो गए हैं।
Sri Lanka Economic crisis: आर्थिक बदहाली के चलते श्रीलंका में हालात पूरी तरह बेकाबू हो चुके हैं। महंगाई और खाद्य संकट से बेहाल लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। जनविद्रोह के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे फरार हो गए हैं। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का निजी आवास भी आग के हवाले किया जा चुका है। राष्ट्रपति भवन पर कब्जे के बाद फरार हुए राजपक्षे ने 13 जुलाई को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उधर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी पार्टी की आपात बैठक के बाद इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। ऐसे में श्रीलंका के लिए आगे की राह काफी मुश्किल मानी जा रही है।
श्रीलंका के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति के इस्तीफा देने के बाद स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं। आगे की अवधि के लिए संसद नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। इसके साथ ही विक्रमसिंघे की ओर से बुलाई गई आपात बैठक में सर्वदलीय सरकार बनाने पर सहमति बनी है। उधर सेना अध्यक्ष शैवेंद्र सिल्वा ने देश के लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
आपात बैठक में हुए कई बड़े फैसले
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की आपात बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें लिए गए फैसले के मुताबिक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों अब अपने पदों पर नहीं रहेंगे। स्पीकर महिंदा अभयवर्धने अधिकतम 30 दिनों के लिए देश के राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालेंगे। आगे की अवधि के लिए संसद की ओर से नया राष्ट्रपति चुना जाएगा। बैठक में अंतरिम सर्वदलीय सरकार बनाने पर सहमति बनी है। अंतरिम सर्वदलीय सरकार के गठन के बाद देश में जल्द ही चुनाव भी कराए जाएंगे।
लोगों के गुस्से के कारण देना पड़ा इस्तीफा
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के आवास पर हुई आगजनी के मामले में प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने ही प्रधानमंत्री के आवास में आग लगाई है। पुलिस ने लोगों को इस घटना का वीडियो भी नहीं बनाने दिया। जब कुछ लोग वीडियो बनाने में जुटे थे तो पुलिस ने जबरन कैमरे बंद करवा दिए। दूसरी ओर सुरक्षा बलों का कहना है कि उग्र प्रदर्शनकारियों ने ही प्रधानमंत्री के आवास में आग लगाई है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़पें भी हुईं।
वैसे प्रधानमंत्री के प्रति भी लोगों में जबर्दस्त गुस्सा दिख रहा है। प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखते हुए ही प्रधानमंत्री को भी पद से इस्तीफे का ऐलान करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए उन्हें पार्टी नेताओं की सिफारिशें स्वीकार हैं। उन्होंने कहा कि देश में सरकार के गठन और देशवासियों की सुरक्षा के लिए उन्होंने यह फैसला किया है।
आखिर फरार होकर कहां गए राजपक्षे
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति राजपक्षे को प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन में घुसने की खबर पहले ही मिल गई थी। इसी कारण वे पहले ही राष्ट्रपति भवन छोड़कर फरार हो गए थे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि फरार होने के बाद राजपक्षे कहां हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके विदेश फरार होने की बात कही जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद इन कयासों को बल मिला है। पानी के जहाज पर सामान लादते और कोलंबो हवाई अड्डे पर काफिले के वीडियो मीडिया और सोशल मीडिया में जम कर वायरल हो रहे हैं। अब सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है, कि फरारी के बाद राजपक्षे कहां गए? राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को राष्ट्रपति निवास में ईरान के राजदूत से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
राजपक्षे के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा
श्रीलंका में लंबे समय से राजपक्षे के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। लोगों के उग्र विरोध के बावजूद वे अभी तक अपने पद पर बने रहे। शनिवार को प्रदर्शनकारियों का धैर्य जवाब दे गया। हजारों की भीड़ ने राष्ट्रपति भवन और सचिवालय पर कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा है कि वे पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे। राजपक्षे के खिलाफ लोगों के मन में इतना ज्यादा गुस्सा भरा हुआ है कि पेट्रोल का पैसा न होने पर लोग पैदल ही चलकर प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।
इससे समझा जा सकता है कि राष्ट्रपति के प्रति लोगों के मन में कितनी ज्यादा नाराजगी है। इससे पहले मई महीने की 11 तारीख को भी श्रीलंका में भारी बवाल हुआ था। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद श्रीलंका जल उठा था। उग्र लोगों ने राजपक्षे के पुश्तैनी घर के अलावा कई मंत्रियों और सांसदों के घरों में भी आगजनी की थी। लोगों के उग्र विरोध के कारण ही राजपक्षे को परिवार सहित भागने पर मजबूर होना पड़ा था।