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Sri Lanka Crisis: बचा एक दिन का पेट्रोल, सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं

Sri Lanka Crisis: नव नियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जनता के सामने देश की असल तस्वीर को रखते हुए कहा कि हमारे पास केवल एक दिन का पेट्रोल बचा है।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 16 May 2022 10:42 PM IST
Sri Lanka Crisis
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श्रीलंका में बचा केवल एक दिन का पेट्रोल। (Social Media)

Sri Lanka Crisis: कभी दुनिया के खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन (tourist destination) के तौर पर पर्यटकों की पहली पसंद रहे श्रीलंका पर आफतों का पहाड़ टूट पड़ा है। लंबे समय तक गृह युद्ध की आग झुलसने वाला यह देश एकबार फिर अस्थिरता के दलदल में पहुंचता जा रहा है। आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में जरूरी चीजों की जबरदस्त कमी है। नव नियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Newly appointed Prime Minister Ranil Wickremesinghe) ने जनता के सामने देश की असल तस्वीर को रखते हुए कहा कि हमारे पास केवल एक दिन का पेट्रोल बचा है।

वेतन के लिए पैसे नहीं, सरकारी एयरलाइन को बेचा

देर शाम जनता के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे (Newly appointed Prime Minister Ranil Wickremesinghe) ने कहा कि तीन ऑयल टैंकर कोलंबो पोर्ट (Colombo Port) पर खड़े हैं। हम डॉलर्स में पेमेंट नहीं कर सकते। इसलिए पेट्रोल और डीजल नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि मैं देश से झूठ नहीं बोलना चाहता। हालात काफी खराब हैं। मैं वादा करता हूं कि बुरा दौर बहुत जल्द बीत जाएगा। श्रीलंकाई पीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि दो महीने मेरा साथ दें। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे (Newly appointed Prime Minister Ranil Wickremesinghe) ने कहा कि एक साल में 45 अरब डॉलर का नुकसान झेलने वाली श्रीलंकन एयरलाइन को निजी हाथों में सौंप दिया गया है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार के पास इसके लिए फंड्स नहीं हैं।

सियासी खींचतान जारी

श्रीलंका में नई कैबिनेट के गठन के बावजूद सियासी खींचतान जारी है। नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Newly appointed Prime Minister Ranil Wickremesinghe) अपने कट्टर सियासी विरोधी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे के की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने उन प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है, जो राष्ट्रपति राजपक्षे को इस संकट का जिम्मेदार बता उनसे कुर्सी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। वहीं गोटबाया ने सत्ता छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है।

बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने श्रीलंका में नाइट कर्फ्यू (night curfew in sri lanka) लगाने का ऐलान कर दिया है। यह सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक, यानी 9 घंटे लागू रहेगा। राजनीतिक जानकारों की माने तो अगर देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच इसी तरह खींचतान जारी रहेगी और जनता सड़कों पर उतरी रहेगी तो देश को इस स्थिति से निकालना मुश्किल होगा।

लिट्टे का खतरा बढ़ा

श्रीलंका में मची जबरदस्त आंतरिक उथल पुथल के बाद एकबार फिर कुख्यात आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी लिट्‌टे (LTTE) के सक्रिय होने का खतरा बढ़ गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय को चेताया भी है। इनपुट के अनुसार, 18 मई को लिट्टे किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकता है। बता दें कि श्रीलंका ने सालों तक लिट्टे के आतंक को भोगा है।

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