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Sri Lanka Economic Crisis: भारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भड़की हिंसा, सत्ताधारी दल के सांसद की हत्या
श्रीलंका में सोमवार को लोग एक बार फिर विरोध-प्रदर्शन (Protest) के लिए सड़क पर उतर आए। इस दौरान भीषण हिंसा भड़की। इस हिंसा के बीच सत्ताधारी दल के एक सांसद की हत्या कर दी गई है।
Sri Lanka Economic Crisis : श्रीलंका (Sri Lanka) अपने इतिहास के भीषणतम आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है। देश में इस वक्त इमरजेंसी (Emergency) लागू है। इन्हीं स्थितियों के बीच श्रीलंका में सोमवार को लोग एक बार फिर विरोध-प्रदर्शन (Protest) के लिए सड़क पर उतर आए। इस दौरान भीषण हिंसा भड़की। इस हिंसा के बीच सत्ताधारी दल के एक सांसद की हत्या कर दी गई है।
श्रीलंका में इमरजेंसी के बीच आज राजनीतिक संकट तब गहरा गया जब प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने अपने पद से इस्तीफा (Resign) दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा अपने छोटे भाई और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सौंपा।
फिर प्रदर्शन का दौर तेज
गौरतलब है कि, सोमवार 9 मई को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो (Colombo) में देश के बिगड़े हालात और आर्थिक संकट (Economic Crisis) को लेकर एक बार फिर प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ। इस दौरान हिंसा भड़क उठी। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने सत्ताधारी दल (Ruling Party) के एक सांसद (MP) की हत्या (Murder) कर दी। इस हत्या की खबर जंगल की आग की तरह फ़ैल गई। सांसद की हत्या पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है।
सांसद की मौत पर अमेरिका ने जताई चिंता
अमेरिकी राजदूत (US ambassador) ने हिंसा की निंदा करते हुए देश के हालात पर गंभीर चिंता जताई है। ज्ञात हो कि, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महिंदा राजपक्षे (mahinda rajapaksa) ने देश की जनता से संयम बनाए रखने की अपील की थी। बावजूद, हिंसा में एक सांसद की हत्या हो गई। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जब भावनाएं उच्च स्तर पर चल रही हैं, हमें ये याद रखना चाहिए कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देगी महिंदा राजपक्षे ने कहा है कि हम जिस आर्थिक संकट में हैं, उस एक आर्थिक समाधान की जरूरत है।
कोलंबो में कर्फ्यू
कोलंबो की सड़कों पर भड़की हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया गया है। बता दें कि, विपक्षी पार्टी (opposition party) भी देश में लगातार प्रधानमंत्री के इस्तीफे और संयुक्त सरकार के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। गौरतलब है कि, महिंदा राजपक्षे ने कहा था कि वे किसी भी तरह का बलिदान देने को तैयार हैं। राजपक्षे के इस बयान के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थी।