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आर्थिकी से जूझ रहा श्रीलंका, खाद्य संकट को लेकर लगा आपातकाल

श्रीलंका एक कठिन आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका ने खाद्य संकट को लेकर आपातकाल का एलान किया है, क्योंकि प्राइवेट बैंकों के पास आयात के लिए विदेशी मुद्रा की कमी है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 31 Aug 2021 1:11 PM GMT
Emergency declared in Sri Lanka over food crisis
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खाद्य संकट को लेकर श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा। (Social Media)

Sri Lanka News: श्रीलंका एक कठिन आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका ने खाद्य संकट को लेकर आपातकाल का एलान किया है, क्योंकि प्राइवेट बैंकों के पास आयात के लिए विदेशी मुद्रा की कमी है। राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने कहा कि उन्होंने चीनी, चावल और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों की जमाखोरी रोकने के लिए आपातकालीन नियम-कायदों को लागू करने का आदेश दिया है।


न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक कहा कि राजपक्षे ने सेना के एक शीर्ष अधिकारी को धान, चावल, चीनी और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति के समन्वय के लिए आवश्यक सेवाओं के आयुक्त जनरल के रूप में नियुक्त किया है। आपातकाल का एलान चीनी, चावल, प्याज और आलू की कीमतों में तेज वृद्धि के बाद उठाया गया है, जबकि दूध पाउडर, मिट्टी का तेल और रसोई गैस की कमी के कारण दुकानों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं।

खाद्य पदार्थों की जमाखोरी रोकने के लिए किया भारी जुर्माने का प्रावधान

श्रीलंका सरकार ने खाद्य पदार्थों की जमाखोरी रोकने के लिए भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। यह संकट तब सामने आया है जब 2.1 करोड़ की आबादी वाला देश कोरोना वायरस की बड़ी लहर से जूझ रहा है। श्रीलंका में एक दिन में 200 से अधिक लोगों की कोरोना की चपेट में आने मौत हो रही है।


असल में श्रीलंका में 2020 में कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 3.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल मार्च में सरकार ने विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए आवश्यक मसाला, खाद्य तेल और हल्दी सहित वाहनों और अन्य वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी।

मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए ब्याज दरों में की वृद्धि

आयातकों का अब भी कहना है कि उनके पास खाद्य पदार्थों और दवाओं को खरीदने को लेकर भुगतान करने के लिए डॉलर नहीं है। डॉलर से ही आयातक इन खाद्य पदार्थों की बाहर से खरीद कर सकते हैं। दो हफ्ते पहले ही सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने स्थानीय मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है।


बैंक के आंकड़े बताते हैं कि श्रीलंका का विदेशी भंडार जुलाई के अंत में गिरकर 2.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो नवंबर 2019 में 7.5 अरब डॉलर था. जब सरकार ने सत्ता संभाली थी और श्रीलंका की मुद्रा उस समय अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य का 20 प्रतिशत से अधिक गंवा चुकी थी।

ऊर्जा मंत्री ने की ये अपील

ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने गाड़ी चलाने वालों से पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन का संयम से उपयोग करने की अपील की है ताकि देश अपनी विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल आवश्यक दवाएं और कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए कर सके।

Deepak Kumar

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