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आतंकी ग्रुप्स नहीं दुनिया के इन 4 देशों ने भी तैयार किए थे आत्मघाती दस्ते

आप सभी ने आत्मघाती आतंकियों के बारे में  तो अक्सर सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि कई देशों ने अपनी आर्मी में भी आत्मघाती दस्ते तैयार किए थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इन्हें इस्तेमाल किया गया। कैसे ये आत्मघाती दस्ते हमला करते थे... यही आज हम आपको बता रहे हैं।

Rishi
Published on: 13 May 2019 10:50 AM IST
आतंकी ग्रुप्स नहीं दुनिया के इन 4 देशों ने भी तैयार किए थे आत्मघाती दस्ते
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लखनऊ : आप सभी ने आत्मघाती आतंकियों के बारे में तो अक्सर सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि कई देशों ने अपनी आर्मी में भी आत्मघाती दस्ते तैयार किए थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इन्हें इस्तेमाल किया गया। कैसे ये आत्मघाती दस्ते हमला करते थे... यही आज हम आपको बता रहे हैं।

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​केतन, जापान

दूसरे विश्व युद्ध में मित्र देशों के लड़ाकू विमानों को गिराने के लिए जापान ने कमीकाजी पायलट और युद्धपोतों पर हमला करने के लिए जापान ने केतन नाम से आत्मघाती दस्ते बनाए। केतन दस्ते में पनडुब्बी शामिल थी। इसके पायलट को निर्देश थे कि दुश्मन के जहाज से अपनी पनडुब्बी को लड़ा दे। फरवरी 1944 में इस पर काम शुरू हुआ।

​फिसलर एफआई 103आर, जर्मनी

दूसरे विश्व युद्ध के समय जर्मनी ने ब्रिटेन की आर्मी पर वी-1 बम का इस्तेमाल किया था। वी-1 एक मानवरहित क्रूज मिसाइल थी। 1944 में जर्मनी जब हार की कगार पर था। तब हिटलर ने इस मिसाइल को सैनिकों द्वारा चालित करने का प्लान बनाया। लेकिन इसका इस्तेमाल हो सके उसे ऐसा मौका नहीं मिला।

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​आयरिश रिपब्लिकन आर्मी

आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) ने ब्रिटेन से बदला लेने के लिए उन लोगों के परिवार को निशाना बनाया जिनका ब्रिटिश सरकार से था। इन परिजनों को बम से लदी गाड़ी को चलाकर टारगेट तक ले जाने को मजबूर किया जाता।

मायाले, इटली

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इटली ने मायाले नाम का टारपीडो बनाया। इसका प्रयोग ब्रिटेन और फ्रांस की सेना के पर किया गया। टारपीडो दुश्मन के जहाज पर सटीक निशाना लगाए इसके लिए दो क्रूमैन को तैनात किया गया। क्रूमैन का काम था कि वो टारपीडो को वारहेड को डिटैच करें और विस्फोट से पहले भाग निकलें। लेकिन इस विस्फोट में कोई भी क्रूमैन बचता नहीं था।

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Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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