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आसान नहीं होगी Sunita Williams की धरती पर वापसी, वायुमंडल में आते ही आयेंगे बड़े-बड़े अड़ेंगे, एक गलती और भस्म हो सकता है Spacecraft

यात्री सुनीता विलियम्स का स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की ओर लौट रहा है, लेकिन वायुमंडल में री-एंट्री बेहद खतरनाक है। उच्च गति और घर्षण के कारण तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जिससे स्पेसक्राफ्ट जल सकता है और यात्री भाप बन सकते हैं।

Newstrack          -         Network
Published on: 18 March 2025 3:53 PM IST
Sunita Williams
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Sunita Williams (Photo: Social Media)

NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अब अपने स्पेसक्राफ्ट के साथ पृथ्वी की ओर लौट रही हैं। लेकिन उनका यह सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और जोखिमों से भरा हुआ है। एक छोटी सी गलती सभी की जान को संकट में डाल सकती है जिसकी वजह से स्पेसक्राफ्ट भी जलकर राख हो सकता है।

बता दें,जब स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उसकी स्पीड धीरे-धीरे घटने लगती है। इस दौरान अगर स्पेसक्राफ्ट का एंगल बदलता है तो इससे घर्षण उत्पन्न होगा और तापमान में अचानक वृद्धि हो सकती है। यही गर्मी स्पेसक्राफ्ट को आग का गोला बना सकती है।

इस जटिल प्रक्रिया को "रीएंट्री" कहा जाता है, जो अंतरिक्ष यात्रा का सबसे खतरनाक समय माना जाता है। जैसे-जैसे स्पेसक्राफ्ट की गति कम होती है उसकी दिशा और एंगल का सही होना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि एंगल में कोई बदलाव होता है तो घर्षण की वजह से तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो सकता है। इससे स्पेसक्राफ्ट जल सकता है और अंतरिक्ष यात्री खतरे में पड़ सकते हैं।

धरती पर वापसी एक खतरनाक प्रक्रिया

स्पेसक्राफ्ट का पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय उसकी गति लगभग 28,000 किमी/घंटा होती है। जैसे-जैसे स्पेसक्राफ्ट की गति धीमी होती है वैसे-वैसे उसकी वापसी की प्रक्रिया और भी जोखिमपूर्ण हो जाती है। इस दौरान यदि स्पेसक्राफ्ट का एंगल बदलता है तो घर्षण से उत्पन्न गर्मी और बढ़ सकती है। हालांकि, अगर सही दिशा और एंगल पर स्पेसक्राफ्ट का मार्ग रहता है, तो उसे सुरक्षित रूप से वायुमंडल से बाहर निकलने और समुंदर में लैंड करने में मदद मिल सकती है।

कैप्सूल की सुरक्षा विशेषताएँ

इन जोखिमों के बावजूद कैप्सूल में कई सुरक्षा विशेषताएँ मौजूद हैं जो सुनीता विलियम्स और उनके क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं:

1. लॉन्च अबॉर्ट सिस्टम: यह प्रणाली रॉकेट में कोई गड़बड़ी होने पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से अलग कर देती है।

2. थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम: यह सिस्टम रीएंट्री के दौरान स्पेसक्राफ्ट को अत्यधिक गर्मी से बचाने में मदद करता है।

3. ऑटोनॉमस ऑपरेशन: ड्रैगन कैप्सूल में कैमरे, GPS, और रडार जैसे उपकरण होते हैं, जो इसे स्वचालित रूप से चलाने में सक्षम बनाते हैं।

4. सूट-सीट सिस्टम: यह सिस्टम अंतरिक्ष यात्री को तापमान के अत्यधिक प्रभाव से बचाता है और गर्मी को नियंत्रित करता है।

Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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