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जानिए कैसे, अब स्टील से भी मजबूत लकड़ी 'सुपर वुड' आई सामने
नीलमणि लाल
चिनार (मैपल), सिन्दूर (ओक), सागौन (टीक) जैसी लकड़ी की कुछ किस्में अपनी मजबूती के लिए जानी जाती हैं और यही वजह है कि इन लकड़ियों से बने सामान बहुत महंगे होते हैं। अब वैज्ञानिकों ने इसका तोड़ निकाल लिया है। जिसके तहत किसी भी प्रकार की लकड़ी को एक आसान और सस्ते प्रोसेस के जरिये स्टील और टाइटेनियम से भी मजबूत बनाया जा सकता है। ऐसी प्रोसेस्सेड लकड़ी का प्रयोग इमारत बनाने ऑटोमोबाइल निर्माण के अलावा बुलेट प्रूफ सामग्री बनाने में किया जा सकता है।
लकड़ी का इस्तेमाल अति प्राचीन काल से इंसान की जरूरत के तमाम सामान में किया जाता रहा है। लेकिन बिना प्रोसेस की लकड़ी में मजबूती नहीं होती। जिस कारण बहुत से लकड़ी का इस्तेमाल मकान बनाने आदि में नहीं किया जा सकता। लकड़ी की ताकत बढाने के लिये वैज्ञानिकों ने बहुत प्रयास किये हैं। जिसमें लकड़ी को कॉम्प्रेस यानी दबा कर उसके रेशों को आपस में मिला देना शामिल है। लेकिन नम वातावरण में ऐसी लकड़ी फिर फूल कर अपने असली शेप में आ जाती है। अमेरिका की मेरीलैंड यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने लकड़ी को मजबूती देने का एक नया उपाय ढूंढा है। इसमें लकड़ी को सोडियम हाइड्रोऑक्साइड और सोडियम सल्फाईट के घोल में उबाला जाता है। इसके बाद लकड़ी को तब तक दबाया जाता है जब तक कि उसकी सेल्स की दीवारें ध्वस्त हो जायें। लकड़ी के दबे रहने की अवस्था में ही उसे गर्म किया जाता है।
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इस प्रक्रिया में लकड़ी के भीतर हाइड्रोजन अणु आपस में एक रासायनिक प्रक्रिया से चिपक जाते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस तरीके से लकड़ी अपनी प्राकृतिक अवस्था से तीन गुनी सघन हो जाती है। प्रोसेस की हुयी लकड़ी मजबूत ही नहीं बल्कि खरोंच, नमी और चिटकने प्रतिरोधी हो जाती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रोसेस की हुयी लकड़ी की पांच परतें सैंडविच की भांति रखी जाएँ तो इससे बख्तरबंद बनाया जा सकता है। जो बहुत सस्ता पडेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार लकड़ी को प्रोसेस करने का ये क्रांतिकारी तरीका है। जो निर्माण क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला सकता है।