Bangaldesh Violence : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब 93 फीसदी सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी

Bangaldesh Violence : बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्र बीते कई दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

Rajnish Verma
Published on: 21 July 2024 11:03 AM GMT (Updated on: 21 July 2024 12:34 PM GMT)
Bangaldesh Violence : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब 93 फीसदी सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी
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Bangaldesh Violence : बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्र बीते कई दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों के कोटा सिस्टम को बरकरार रखने के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 93 फीसदी पदों को मेरिट के आधार पर भरने का आदेश दिया है।

बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल एएम अमीनउद्दीन न्यूज एजेंसी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कोटा सिस्टम बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है, हालांकि इस व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 93 फीसदी पद मेरिट के आधार पर भरने का आदेश दिया है, जबकि 7 फीसदी 1971 मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों और अन्य श्रेणियों के लिए आरक्षित रखने को कहा है।

इसे लेकर हो रहा था विरोध

बता दें कि बांग्लादेश में 56 फीसदी प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित थीं, इसमें 30 फीसदी 1971 मुक्ति संग्राम के सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 फीसदी पिछड़े जिलों के लिए, 10 फीसदी महिलाओं के लिए, 5 फीसदी अल्पसंख्यकों के लिए और 1 फीसदी विकलांगों के लिए आरक्षित थीं। यहां छात्रों का आंदोलन स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण के खिलाफ ही चल रहा है।

पहले भी हुआ था हिंसक आंदोलन

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भी छात्रों ने कोटा सिस्टम के विरोध में हिंसक आंदोलन किया था। इसके बाद शेख हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम को निलंबित कर दिया था। इसके बाद मुक्ति संग्राम स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों ने हसीना सरकारी के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को रद्द करके कोटा सिस्टम को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। कोर्ट के फैसले के बाद भी हिंसक प्रदर्शन हुआ था, हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सरकार को सड़कों पर सेना उतारनी पड़ी थी।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

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वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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