TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यहां सिखाया जाता है तहजीब का पाठ, राजकुमारी डायना भी रह चुकी हैं यहां की स्टूडेंट

suman
Published on: 17 July 2017 12:11 PM IST
यहां सिखाया जाता है तहजीब का पाठ, राजकुमारी डायना भी रह चुकी हैं यहां की स्टूडेंट
X

लखनऊ: जीवन सफल होना है तो अदब और तहजीब का पाठ जरुर पढ़ना चाहिए। कई दशक पहले स्विस में फीनिशिंग स्कूल्स की भरमार थी, लेकिन इंस्टीट्यूट विला पिरफियू आखिरी स्कूल बचा है जहां आज भी लड़कियों को एटीकेट्स सि‍खाएं जाते हैं।

आगे...

स्विट्जरलैंड में एक ऐसा स्कूल है जहां लड़कियों को तहज़ीब यानि हर तरह का शिष्टाचार सिखाया जाता था। यहां खाने-पीने के तरीकों से लेकर, बोलचाल, चलने-फिरने और रहन-सहन का सभ्य तरीका सि‍खाया जाता है। इंस्टीट्यूट विला पिरफियू एटीकेट्स का ऐसा आखिरी स्कूल बचा है जहां राजकुमारि‍यों से लेकर राष्ट्रपति की बेटी तक ने तहजीब की तालिम ली है। इस स्कूल में एक टेबल पर 8 छात्राओं को बैठाकर चर्चा करवाते हुए इंस्ट्रक्टर के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है।

आगे...

तहजीब की इस क्लास में वेटर स्टूडेंट्स को सर्विंग बाउल से खाना परोसना सि‍खाते हैं और ध्यान देते है कि सर्विंग बाउल टेबल की तरफ हो। साथ ही उन्हें सिखाया जाता है कि जब वेटर खाने का बाउल मुंह के पास लेकर आए तो कोहनी नीचे की तरफ रखनी है। इसी तरह की और भी चीजें इस स्‍कूल में सिखाईं जाती हैं।

आगे...

इस स्कूल में स्टूंडेंट्स को 20 अलग-अलग देशों की तहज़ीब, प्रोटोकोल और कल्चरल टैबूज को ध्यान में रखकर ट्रेनिंग दी जाती है। इंस्टीट्यूट विला पिरफियू में 14 अलग-अलग देशों से लोग तहजीब सीखने आते हैं। इंस्टीटयूट विला पिरफियू वीवाने नेरी ने 1954 में खोला था। वीवाने नेरी का कहना है कि यहां सिर्फ प्रिंसिस और प्रेजिडेंट की बेटियां ही नहीं आती , बल्कि शाही खानदान से भी लोग आते हैं। यहां कुछ लोग ऐसे भी है जो यहां रहने के लिए अधिक पैसे जोड़ते हैं ताकि अधिक से अधिक ए‍टीकेट्स सीख सकें।

आगे...

यहां 6 हफ्ते के कोर्स की फीस एग्जाम के साथ 20 लाख रुपए से भी अधिक है। यहां पढ़ रहीं छात्राएं 18 से 50 उम्र तक की हैं। प्रोफेशनल बिजनेस, डॉक्टर से लेकर हाउस वाइफ तक इस कोर्स को करती हैं। ब्रिटेन की स्वर्गीय राजकुमारी डायना यहां के फीनिशिंग स्कूल की छात्र रह चुकी है।

आगे...

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यहां आकर लोगों में अच्छी आदत और एटीकेट्स सीखने के बाद उनके एटीट्यूट में बदलाव आया है। 3 साल पहले पुरुषों के लिए भी ऐसी छोटी-छोटी वर्कशॉप खोली गईं थीं , लेकिन अब फूल वन इयर कोर्स और ऑनलाइन कोर्स खोलने के लिए भी तैयारी की जा रही है।



\
suman

suman

Next Story