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Syria News Today: जंगल में आगजनी के लिए मौत की सजा, 24 लोग फांसी पर लटकाए गए
Syria News Today: सीरिया (syria) ने इसे बहुत गम्भीरता से लेते हुए ऐसे 24 लोगों को मौत की सजा (syria ke jungle me aag se 24 logo ko saja) दी है। जिन्होंने जानबूझकर जंगलों में आग लगाई थी।
Syria News Today: जंगलों में आग (Syria Ke Jungle Me Aag) यानी दावानल एक बहुत बड़ी ग्लोबल समस्या (jungle mein aag se global samasya) है। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील समेत तमाम (bharat, australia aur america ke jungle me aag) देश इससे हर साल जूझते हैं। जंगलात की आग प्राकृतिक कारणों के अलावा मानवीय गलती से भी लगती है। लेकिन बहुत से मामले ऐसे आते हैं जिनमें पता चलता है कि किसी ने जानबूझ कर जंगलों में आग लगा दी है। ऐसे लोगों से निपटने के लिए हर देश में अलग अलग कानून (Syria ka kanoon) हैं । लेकिन सीरिया (syria) ने इसे बहुत गम्भीरता से लेते हुए ऐसे 24 लोगों को मौत की सजा (syria ke jungle me aag) दी है। जिन्होंने जानबूझकर जंगलों में आग लगाई थी।
सीरिया में पिछले साल जंगलों में व्यापक आग लगी थी । जिसमें तीन लोग मारे गए थे। हजारों एकड़ जंगल ख़ाक हो गए थे। आग के कारणों की तफ्तीश में पता चला कि कुछ लोगों ने ये कारनामा जानबूझ कर किया था। इसके बाद जगह जगह गिरफ्तारियां की गईं । पकड़े गए लोगों ने कबूला कि उन्होंने तीन प्रान्तों में कई जगह आगजनी की थी। सीरिया के न्याय मंत्रालय के अनुसार, सभी आरोपियों पर आतंकवाद का चार्ज लगाया गया और 24 अपराधियों को मौत की सजा सुनाई गई। इन सभी को 20 अक्तूबर को मौत के घाट उतार दिया गया। दोषी पाए गए 11 अन्य लोगों को कठोर श्रम के साथ उम्र कैद की सजा दी गयी है। चार लोगों को कुछ वर्षों की जेल हुई है। पांच नाबालिग भी दोषी पाए गए थे जिनको 10 से 12 साल की जेल की सजा दी गयी है।
दावानल से सीरिया के लताकिया, तर्तोउस और होम्स प्रान्त के 280 शहर प्रभावित हुए थे, जिनमें 370 मकान क्षतिग्रस्त हो गए और 11 हजार हेक्टेयर जंगल की जमीन नष्ट हो गयी थी। मवेशियों, कृषि उपकरणों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को खासा नुकसान पहुंचा था। सीरियाई प्रेसिडेंट बशर अल असद ने आग से प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया था जबकि प्रेसिडेंट बहुत कम ही कहीं जाते हैं। असद का होमटाउन कर्दाहा भी दावानल से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
न्याय मंत्रालय के अनुसार दोषी व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अगस्त, 2020 के अंत में आग लगाई थीं और ये क्रम अक्टूबर तक जारी रहा। सीरिया में राजद्रोह, जासूसी, ह्त्या और आग्जाबी के लिए मौत की सजा दिए जाने का प्रावधान है। इसी प्रावधान के तहत दोषी पाए लोगों को सजा-ए-मौत दी गयी। 2017 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में कहा था कि सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास स्थित सयदनाया जेल में सामूहिक फंसियाँ दीं गईं थी। रिपोर्ट के अनुसार, इस जेल में 13 हजार लोगों को फांसी पर लटकाया गया है। एमनेस्टी का कहना है कि ये काम गोपनीय तरीके से किया जाता रहा है। वैसे, न्याय मंत्रालय ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है।