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यहां भुखमरी से मचा हाहाकार, महंगाई के चलते खाद्य-सामग्री नहीं खरीद पा रहे लोग
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जल्द ही अगर हालात में सुधार देखने को नहीं मिले तो यहां पर जुलाई 2021 तक मानवीय राहत जरूरतों को पूरा करने के लिये करीब 37 करोड़ डॉलर की जरूरत पड़ेगी।
नई दिल्ली: सीरिया में सवा करोड़ लोगों को दो वक्त का भरपेट खाना तक नसीब नहीं हो पा रहा है। कोरोना की वैश्विक महामारी ने इन लोगों की राह में तमाम तरह की मुसीबतें खड़ी कर दी हैं।
रोजगार और कमाई के सभी साधन बंद हैं। ऐसे में हर रोज सैकड़ों लोग भुखमरी की तरफ खिसकते जा रहे हैं। ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि संयुक्त राष्ट्र की दो बड़ी एजेंसियां विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और यूनिसेफ की रिपोर्ट कह रही है।
डब्ल्यूएफपी और यूनिसेफ ने सीरिया और कांगो के लोगों के लिए चिंता जाहिर करते हुए अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं।
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यहां भुखमरी से मचा हाहाकार, महंगाई के चलते खाद्य सामग्री नहीं खरीद पा रहे लोग(फोटो:सोशल मीडिया)
गृहयुद्ध की आग झेल रहे सीरिया में सवा करोड़ लोगों को भरपेट खाना नहीं हो पा रहा नसीब
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्षों से गृहयुद्ध की आग झेल रहे सीरिया में सवा करोड़ लोगों को भरपेट खाना तक नहीं मिल पा रहा है। ये यहां की कुल आबादी का करीब 60 फीसद है।
इन लोगों को हर रोज अपनी जान बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। लोगों के लिए एक-एक दिन गुजारना साल काटने के बराबर लग रहा है
यहां पिछले एक साल में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है और इनकी कीमतों में करीब 250 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
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यहां भुखमरी से मचा हाहाकार, महंगाई के चलते खाद्य सामग्री नहीं खरीद पा रहे लोग(फोटो:सोशल मीडिया)
विद्रोही गुट के लोग कई बार कर चुके हैं लूटपाट
रिपोर्ट में लिखा है कि यहां के बिगड़ते हालातों और बढ़ती कीमतों को देखते हुए मौजूदा वर्ष में आधी से अधिक जनता को अपने लिए 2 वक्त का भोजन जुटाना भी मुश्किल होगा।
सीरिया की तरह ही यूनिसेफ ने कांगो की मौजूदा हालात पर भी चिंता प्रकट की है। विस्थापित हुए बच्चों की गंभीर हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए संगठन की तरफ से कहा गया है कि इन बच्चों को यहां पर विभिन्न गुटों के बीच चल रहे संघर्ष और भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है।
संगठन की तरफ से बताया गया है कि शुक्रवार को विद्रोही गुटों ने एक पूरे गांव को आग के हवाले कर दिया और हेल्थ सेंटर्स पर तोड़फोड़ करने के साथ जमकर लूटपाट की।
इसकी वजह से कई परिवारों के सामने खुद को बचाने की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाल के दिनों में इस तरह की घटनाएं सीरिया और कांगो दोनों ही जगहों पर बढ़ी हैं।
यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते एक वर्ष में ही खाद्य असुरक्षा के गर्त में करीब 45 लाख अतिरिक्त सीरियाई नागरिक शामिल हुए हैं।
डब्ल्यूएफपी और एफपी में सीरियाई प्रतिनिधि और देशीय निदेशक शॉन ओब्रायन की मानें तो इससे पहले हालात इतने ज्यादा कभी खराब नहीं थे। वर्षों से संघर्ष के बीच जी रहे इन लोगों के पास जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है।
यहां भुखमरी से मचा हाहाकार, महंगाई के चलते खाद्य सामग्री नहीं खरीद पा रहे लोग(फोटो:सोशल मीडिया)
ब्रेड, चावल, दाल, तेल और चीनी की कीमत एक लाख 20 हजार सीरियाई पाउंड
यहां पर ब्रेड, चावल, दाल, तेल और चीनी की कीमत एक लाख 20 हजार सीरियाई पाउंड है। ये कीमत यहां के लोगों के औसत वेतन से काफी अधिक है।
लोगों से भरपेट भोजन लगातार दूर हो रहा है। वे अपने गुजारा करने लायक भोजन के लिए अब अपने मवेशियों को बेच रहे हैं।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जल्द ही अगर हालात में सुधार देखने को नहीं मिले तो यहां पर जुलाई 2021 तक मानवीय राहत जरूरतों को पूरा करने के लिये करीब 37 करोड़ डॉलर की जरूरत पड़ेगी। जो एक बड़ी रकम है।
इस रकम का बन्दोबस्त करना भी आसान नहीं होगा।
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