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Taiwan Volcano landmine System: चीनी हमले से ताइवान को बचाएगी अमेरिका की वोल्केनो बारूदी सुरंग
Taiwan Volcano Mine System Deal: वोल्केनो एन्टी टैंक माइन की खासियत है कि यह बहुत कम समय में एक बड़े क्षेत्र में बिछाई जा सकती है। ताइवान 14 वोल्केनो माइन सिस्टम खरीद रहा है जो उसे 2029 के पहले मिल जाएंगे।
Taiwan Volcano Mine System Deal: चीन और अमेरिका के बीच फंसा ताइवान "बारूदी सुरंगों का द्वीप" बन सकता है। चीन से अपनी हिफाज़त करने के लिए ताइवान ने अमेरिका से वोल्केनो एन्टी टैंक माइन सिस्टम खरीदने की डील की है। वोल्केनो एन्टी टैंक माइन की खासियत है कि यह बहुत कम समय में एक बड़े क्षेत्र में बिछाई जा सकती है। ताइवान 14 वोल्केनो माइन सिस्टम खरीद रहा है जो उसे 2029 के पहले मिल जाएंगे।
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क्यों की है खरीद
चीन चाहता है कि ताइवान उसका हिस्सा बन जाये जबकि ताइवान एक स्वतंत्र पहचान चाहता है और उसकी इस चाहत में अमेरिका उसके साथ खड़ा है। ताइवान को चीन से टक्कर लेने के लिए अमेरिका उसे कील कांटों से लैस कर रहा है। इसी के तहत ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अमेरिका से वोल्केनो वेहिकल-लॉन्च्ड स्कैटरेबल माइन सिस्टम खरीदने के लिए 145 मिलियन डॉलर के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।
समुद्र तटों पर होगी तैनाती
ताइवान की सेना ने कहा है कि माइन सिस्टम को तटीय क्षेत्रों और उत्तरी, मध्य और दक्षिणी ताइवान के समुद्र तटों पर भेजा जाएगा।
सेना ने कहा है कि अगर चीनी सेना जल-थल-थल पर हमला करती है तो उसे रोकने के लिए नए माइन सिस्टम को बड़े क्षेत्र में बहुत तेजी से तैनात किया जा सकता है।
क्या हैं वोल्केनो माइन
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स मिलिट्री एनालिसिस नेटवर्क के अनुसार, प्रत्येक वोल्केनो माइन डिस्पेंसर में 960 माइन होती हैं और चार से 12 मिनट के भीतर 1,100 मीटर लंबी और 120 मीटर चौड़ी माइन तैयार की जा सकती है।
- इन माइन को टैंकों को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन एंटी-टैंक माइन को केवल भारी वाहनों द्वारा कुचले जाने पर विस्फोट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था ताकि गलती से उन पर पैर रखने से लोग घायल न हों।
- वोल्केनो माइन सिस्टम 1980 के दशक में डेवलप किया गया था और 1990 के दशक का अंत आते आते इसे बन्द कर दिया गया। लेकिन अमेरिका द्वारा 2017 में इसे वापस उपयोग में लाया गया।
- रूसी आक्रमण का मुकाबला करने में मदद के लिए अमेरिका द्वारा कुछ सिस्टम पहले ही यूक्रेन भेजे जा चुके हैं।
-इस बारूदी सुरंग को नंगी आंखों से आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि यह भूमिगत होने के बजाय सतह पर रखी होती है।
- निर्धारित समय से अधिक समय तक छोड़े जाने पर यह स्वयं नष्ट हो जाती है।
बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध
माइन यानी बारूदी सुरंगों के इस्तेमाल के खिलाफ बहुत आवाजें उठीं है। वविएतनाम,अफगानिस्तान आदि तमाम देशों ने बारूदी सुरंगों के भयावह नतीजे देखे हैं। इसीके चलते बारूदी सुरंग का उपयोग न करने पर ओटावा संधि की गई थी जो 164 देशों द्वारा अनुमोदित या स्वीकृत की गई है। अमेरिका, चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान शामिल उन 36 देशों में शामिल हैं जिन्होंने ओटावा संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
चूंकि ताइवान को संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देशों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, इसीलिए वह संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता है। ताइवान को चीन अपना एक प्रान्त मानता है।