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PAK के इशारे पर अफगान में आंतरिक सरकार बनाने से पलटा तालिबान, जानिए वजह
तालिबान के पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ होने से अफगान में आंतरिक सरकार बनाने की बात से पलट गया| माना जा रहा है कि पाकिस्तान के हाथ में आज भी तालिबान का रिमोट कंट्रोल है
Taliban Goverment: रविवार देर रात पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान ने कब्ज़ा कर लिया, लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि तालिबान पहले एक अंतरिम सरकार के गठन के लिए तैयार हो चुका था| बीस साल पहले भी अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो चुका था| वहीं, रविवार सुबह तालिबान ने बयान जारी कर कहा था कि वह काबुल में जबरन अंदर नहीं घुसेगा और वह शांतिपूर्वक तरीके से सत्ता में बदलाव के लिए बातचीत कर रहा है, लेकिन शाम होते होते तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा जमा लिया| आखिर कुछ घंटों में ऐसा क्या हुआ कि तालिबान अपनी ही बात से पलट गया?
तालिबान और अफगान सरकार के बीच अंतरिम सरकार बनाने पर सहमति
सूत्रों की माने तो बताया कि तालिबान और अफगान सरकार के बीच अंतरिम सरकार बनाने पर सहमति बन गई थी| सूत्र बताते हैं कि अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री अली अहमद जलाली को राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त करने की सहमति बनी थी और उन्हें काबुल बुलाने की तैयारी की जा चुकी थी| अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार में जलाली के दो डिप्टी, जिसमें हाई पीस काउंसिल के सीईओ डॉ. अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह और तालिबान के नेता मुल्ला बरादर को भी नियुक्त करने पर सहमति बनी थी|
पाकिस्तान के हाथ में तालिबान का रिमोट कंट्रोल
अफगानिस्तान की पूर्व सरकार के सूत्रों ने बताया कि ऐन मौके पर तालिबान के पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ होने से आंतरिक सरकार बनाने की बात से पलट गया| माना जा रहा है कि पाकिस्तान के हाथ में आज भी तालिबान का रिमोट कंट्रोल है और वह नहीं चाहता कि तालिबान के सिवा कोई और वहां सत्ता में आए| सहमति से पलटने के बाद तालिबान ने साफ कर दिया कि वह सभी समझौतों से इनकार करता है और अफगानिस्तान पर हुकूमत में किसी को भी शामिल नहीं किया जाएगा|
सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने सोशल मीडिया पर इस बात की घोषणा कर दी कि राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है उनकी इस घोषणा के बाद ही तालिबान को पता चल गया कि राष्ट्रपति भवन खाली हो चुका है, जिसके बाद उन्होंने काबुल पर चढ़ाई कर दी| सूत्र बताते हैं कि काबुल में अचानक लूटपाट की घटनाएं हुई जिसकी आड़ में तालिबान ने काबुल में घुसने की घोषणा कर दी| यह भी मुमकिन है कि काबुल में घुसने के लिए तालिबान ने खुद ही लूटपाट को अंजाम दिया हो|
कुछ ही दिनों में तालिबान बनाएगा सरकार
सूत्रों ने बताया कि दोहा से तालिबान के बड़े नेता आज काबुल पहुंच रहे हैं, जिसमें मुल्ला बरादर शामिल है| माना जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, डॉक्टर अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह और पूर्व मुजाहिदीन गुलबुद्दीन हिकमतयार तालिबान के नेतृत्व से बातचीत करेंगे|
सूत्र बताते हैं यह तीनों नेता तालिबान को प्रस्ताव देंगे की पूरी तालिबान सरकार की जगह अफगानिस्तान में अलग-अलग राजनीतिक पक्षों को शामिल कर व्यापक अंतरिम सरकार बनानी चाहिए, ताकि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मान्यता भी मिल जाए, वरना दुनिया भर के देश तालिबान हुकूमत को मान्यता नहीं देंगे|
आपको याद दिला दें कि पिछले हफ्ते दोहा में हुई बैठक में भारत समेत कई देशों ने साफ कर दिया था कि हिंसा के बल पर बनी किसी भी सरकार को यह देश मान्यता नहीं देंगे|