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Taliban Afghanistan News: कपड़े की दुकानों में रखे पुतलों के सिर कलम

Taliban Afghanistan News: सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो चले हैं जिनमें एक आदमी एक आरी से एक पुतले का सिर काटता दिखता है। कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर आई हैं जिनमें दुकानों में बिना सिर वाले पुतले दिखाई दे रहे हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 5 Jan 2022 10:59 PM IST
Beheadings of mannequins kept in clothing shops
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तालिबान ने कपड़े की दुकानों में रखे पुतलों के सिर कलम करने का आदेश दिया : Photo - Social Media

Taliban Afghanistan News: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में कपड़े की दुकानों में रखी मैनीक्विन्स (mannequins) यानी सजावटी पुतलों के सर कलम करने का आदेश दिया है। तालिबान का कहना है कि ये पुतले मूर्तियों की तरह हैं और इस्लाम के खिलाफ हैं।

अफगानिस्तान में शरिया कानून (Sharia law in Afghanistan) को लागू करने के लिए जिम्मेदार मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ये आदेश जारी किया है। तालिबानी अधिकारी शुरू में चाहते थे कि दुकानदार पुतलों को पूरी तरह से हटा दें। तालिबान ने इन पुतलों को मूर्तियां बताया था और कहा था कि इनकी पूजा की जा रही थी।

पुतलों का सिर कलम करने का आदेश

हालांकि, स्टोर मालिकों ने इस विचार को गलत बताते हुए कहा कि पुतले हटाने से उनके पहले से ही लड़खड़ाते व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दुकानदारों की गुहार पर तालिबान नरम पड़ गया और केवल पुतलों का सिर कलम करने के लिए तैयार हो गया। नए नियम का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा का ऐलान किया गया है।

एक दुकानदार ने शिकायत की कि तालिबान के आदेश का मतलब व्यवसायों के लिए वित्तीय नुकसान होगा, क्योंकि प्रत्येक पुतले की कीमत 70 से 100 डॉलर के बीच होती है। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो चले हैं जिनमें एक आदमी एक आरी से एक पुतले का सिर काटता दिखता है। कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर आई हैं जिनमें दुकानों में बिना सिर वाले पुतले दिखाई दे रहे हैं।

महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने में तालिबान आगे

1990 के दशक के मध्य में जब तालिबान पहली बार सत्ता में आया तो महिलाओं की अधिकांश स्वतंत्रता छीनने के लिए कुख्याति प्राप्त की। जब तालिबान ने पिछले अगस्त में अफगानिस्तान पर कंट्रोल किया तो उसने शरिया कानून के दायरे में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने की कसम खाई थी। लेकिन ऐसा कुछ किया नहीं गया है। जैसे-जैसे समय बीतता गया, नए शासकों ने अफगान महिलाओं पर ढेरों प्रतिबंध लाद दिए और प्रभावी रूप से उन्हें माध्यमिक शिक्षा और काम करने से रोक दिया। दिसंबर के अंत में इस तरह के एक फरमान में महिलाओं को पुरुष संरक्षक के बिना अपने घर से 72 किमी से अधिक की यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

नवजात लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा बेच दिया जाता है

यूनिसेफ ने यह भी बताया है कि नवजात लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा भविष्य की शादियों के लिए बेच दिया जाता है क्योंकि लोग अपनी बेटियों की शादी का खर्चा उठाने में असमर्थ हैं। पिछले सितंबर में तालिबान ने हेलमंड प्रांत में सैलून वालों को दाढ़ी बनाने से रोक दिया था। इसके अलावा ड्राइवरों को अपने वाहनों में संगीत बजाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।



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Shashi kant gautam

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