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Taliban Ban Music In Afghanistan: तालिबान ने जलाई हारमोनियम, गिटार, टेबल की होली, संगीतकार को पीटा
Taliban Ban Music In Afghanistan: तालिबान शासित अफगानिस्तान में संगीत वाद्ययंत्रों को जलाया गया है क्योंकि तालिबान का दावा है कि संगीत "नैतिक भ्रष्टाचार का कारण बनता है।
Taliban Ban Music In Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान ने फिर अपना कट्टरवादी इस्लामी चेहरा दिखा दिया है। इस बार तालिबान शासित अफगानिस्तान में संगीत वाद्ययंत्रों को जलाया गया है क्योंकि तालिबान का दावा है कि संगीत "नैतिक भ्रष्टाचार का कारण बनता है।" 2021 में सत्ता संभालने के बाद से, तालिबान ने सार्वजनिक रूप से संगीत बजाने सहित कई प्रतिबंध लगाए हैं।
ताजा घटना पश्चिमी हेरात प्रांत की है जहाँ लाखों रूपये मूल्य के वाद्य यन्त्र ढेर में रख जला डाले गए। ऑनलाइन फोटो में दिखाई पड़ता है कि हेरात में जलाए गए कुछ सामानों में गिटार, हारमोनियम और तबला शामिल थे। इसके अलावा ढेरों एम्पलीफायर और स्पीकर भी फूंक डाले गए। बताया जाता है कि इनमें से कई सामानों को शहर के विवाह स्थलों से जब्त किया गया था। विवाह स्थलों पर संगीत बजाने की मनाही है। ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें तालिबान लड़ाकों को अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में एक स्थानीय संगीतकार के ड्रम और हारमोनियम को जलाते हुए दिखाया गया है।
विडियो में संगीतकार को रोते हुए देखा जा सकता है क्योंकि उसे अपने उपकरणों को जलते हुए देखनो को मजबूर किया गया था। इस व्यक्ति के कपड़े फटे हुए हैं, जिससे पता चलता है कि उसे पीटा गया है, और उसके बाल काट दिए गए हैं। तालिबान ‘पहली बार या अपेक्षाकृत छोटे अपराध के लिए’ चेतावनी के रूप में यही सार्वजनिक सजा देता है। विडियो के अनुसार जलते हुए वाद्ययंत्रों के आसपास जमा लोगों की भीड़ के सामने स्थानीय संगीतकार को भी यह कहने के लिए मजबूर किया जाता है, ‘मैं गंदगी हूँ।‘ तालिबानी सैनिकों के मुंह से हंसी की आवाजें भी सुनाई पड़ती हैं।
संगीत पर प्रतिबन्ध
जब अफगानिस्तान में 90 के दशक के मध्य से 2001 तक तालिबान सत्ता में थे तब भी सामाजिक समारोहों, टीवी और रेडियो पर सभी प्रकार के संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद जब अमेरिका के अगुवाई में अफगानिस्तान पर नियंत्रण रहा तो उस बीस साल के काल खंड में अफगानिस्तान में संगीत खूब फला-फूला। लेकिन अगस्त 2021 में तालिबान शासन की वापसी के बाद हालात बदल गए और वही पुराना ढर्रा लागू हो गया जिसके चलते कई संगीतकार देश से भागने के लिए मजबूर हो गए। अफगानिस्तान में अब भी संगीत से जुड़े लोगों के साथ मारपीट की खबरें आती रहती हैं।
इस्लामी कानून की कठोर व्याख्या
तालिबान ने पिछले दो बरसों में अफगानिस्तान में इस्लामी कानून की अपनी सख्त व्याख्या के तहत कई सख्त प्रतिबंध लगाए हैं जो खासकर महिलाओं से सम्बंधित हैं। तालिबान ने आदेश दिया है कि महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जिससे सिर्फ उनकी आंखें दिखाई दें, और अगर वे 72 किमी से अधिक की यात्रा कर रहे हैं तो उनके साथ एक पुरुष रिश्तेदार भी होना चाहिए। किशोर लड़कियों और महिलाओं को स्कूल और विश्वविद्यालय की कक्षाओं, जिम और पार्कों में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया है। तालिबान के ताजातरीन आदेश पर देश भर के सभी हेयर और ब्यूटी सैलून को गैर-इस्लामिक मानकर बंद करने का आदेश दिया गया था।