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तालिबान ने दिखाया अपना असली रंग, कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय एंबेसी में घुसकर की छानबीन

तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाते ही कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास में घुसे और वहां कागजातों की छानबीन भी की।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 20 Aug 2021 4:07 PM IST
Taliban searches Indian Embassy offices in Kandahar and Herat
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तालिबानी लड़ाके।(Social media)

Taliban in Afghan अफगानिस्तान पर कब्जा करते ही तालिबान ने अपने पैंतरे भी चलाने शुरू कर दिए हैं। भारत के साथ अब तालिबान भी चाल चल रहा है जो चीन और पाकिस्तान चलता आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आया है कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाते ही भारत से संपर्क साधा था और रिश्ते न तोड़ने की पेशकश की थी। इस बीच सबसे चौंकाने वाली खबर यह सामने आई है कि तालिबान के लड़ाको ने बुधवार को कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पहुंचे थे और तलाशी ली।

बंद भारतीय दूतावास में घुसे तालिबानी

सूत्रों के मुताबिक कंधार व हेरात में बंद भारतीय दूतावास में बुधवार को कुछ तालिबानी आतंकी घुसे थे तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाते ही भारत के कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास में घुसे और वहां कागजातों की छानबीन भी की थी। इसके बाद वे कुछ कागज और दूतावास के बाहर खड़ी कारें अपने साथ लेकर चले गए। भारतीय अधिकारियों का कहना है तालिबान अपने उस वादे के खिलाफ काम कर रहा है, जिसमें उसने दुनिया से किसी को नुकसान न पहुंचाने का आश्वासन दिया था।

वहीं, हेरात में भी तालिबानियों ने वाणिज्य दूतावास परिसर में प्रवेश किया और वाहनों को ले गए। एक ओर जहां हक्कानी नेटवर्क कैडर बड़े पैमाने पर काबुल को नियंत्रित कर रहा है, दिवंगत मुल्ला उमर के बेटे और तालिबान सैन्य आयोग के प्रमुख मुल्ला याकूब के नेतृत्व वाला तालिबान गुट पश्तूनों की पारंपरिक सीट कंधार से सत्ता और सरकार लेने की योजना बना रहे हैं।

तालिबान ने भारतीय दूतावास बंद न करने का किया था अनुरोध

मुल्ला बरादर 18 अगस्त को दोहा से आने के बाद मुल्ला याकूब से मिला है। तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास, भारतीय पक्ष के पास पहुंचे थे और अनुरोध किया था वे भारतीय दूतावास बंद न करें। तालिबान की ओर से उन्हें कोई खतरा नहीं होगा, लेकिन बीते गुरुवार को तालिबान ने अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए। अब न तो वहां से कुछ आयात किया जा सकता है और न कुछ निर्यात किया जा सकेगा।

तालिबानी नेता मोहम्मद अब्बास ने भारत के सामने रखी ती दोस्ती की पेशकश

बीते दिनों भारत ने अफगानिस्तान से अपने 200 लोगों को बाहर निकाला था। इससे ठीक पहले तालिबानी नेता मोहम्मद अब्बास ने भारत के सामने दोस्ती की पेशकश रखी थी। बता दें कि मोहम्मद अब्बास कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक मोर्चा वाले नेतृत्व का अहम सदस्य है और वह हमेशा से ही अफगानिस्तान में भारत की भूमिका का आलोचक रहा है। ऐसे में दोस्ती के संदेश ने भारतीय अधिकारियों को भी चौंका दिया था।

भारत को मिली थी खुफिया रिपोर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के पास तालिबान की कुछ खुफिया जानकारी थी। इसके तहत भारत को यह सूचना मिली थी कि तालिबान का कब्जा होते ही लश्कर व हक्कानी के आतंकी काबुल में प्रवेश कर गए हैं, जिनसे भारतीय दूतावास के अधिकारियों को खतरा हो सकता है। इसलिए भारत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने राजनायिकों को सैन्य विमान से वापस बुला लिया था।



Deepak Kumar

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