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Taliban India America : तालिबान ने अमेरिका को दी धमकी, भारत ने आतंकवाद पर तालिबान को घेरा
Taliban India America : तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि सुधर जाओ। भारत भी सच का साथ देने से कभी पीछे नहीं रहता है। उसने तालिबान को ही घेर लिया है।
Taliban India America : अफगानिस्तान में हाल ही में नई तालिबानी सरकार को कारनामों को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। जिस पर तालिबान बुरी तरह से भड़क गया है। यहां तक तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि सुधर जाओ। लेकिन भारत ने भी सच का साथ देने से कभी पीछे नहीं रहता है। जहां एक तरफ तालिबान ने अमेरिका को धमकी तो दूसरी तरफ भारत ने आतंकवाद पर तालिबान को घेरा है।
इस समय अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालातों को देखते हुए भारत ने भी चिंता जाहिर की है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं। एक पड़ोसी होने और उस देश के लोगों का दोस्त होने के नाते अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से हम चिंता में हैं।
आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा
आगे टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'अफगान बच्चों के सपनों को साकार करना और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करनी है। हम तुरंत मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान करते हैं। भारत अफगानिस्तान में एक ऐसी व्यवस्था का आह्वान करता है, जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है। एक ऐसी सरकार हो जिसे अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता और वैधता मिले।
आगे स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर बीते दिनों हुए आतंकी हमले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीते महीने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हुआ, जो दिखाता है कि आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। इसलिए ये जरूरी है कि आतंक के खिलाफ जो कमिटमेंट किए गए हैं, उसका सम्मान किया जाए और उसका पालन किया जाए।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, तालिबान ने कहा है कि अफगान बिना किसी रोकटोक के विदेश यात्रा कर सकेंगे। हमें उम्मीद है कि इसका पालन किया जाएगा और अफगानों के अलावा जो दूसरे विदेशी नागरिक हैं, वो भी सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे।
टीएस तिरुमूर्ति ने यूएन में कहा कि बीते महीने के दौरान अफगानिस्तान में नाटकीय बदलाव देखा है। अगस्त में अफगानिस्तान मसले पर सुरक्षा परिषद में तीन बार बैठक हुई थी। इसमें हमने कुछ चिंताओं को सामने रखा, खासतौर से आतंकवाद को लेकर।
आगे उन्होंने कहा, तालिबान ने कमिट किया है कि वो आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा। तालिबान ने ये भी कहा कि वो किसी दूसरे देश को धमकाने या हमला करने या आतंकियों को पनाह देने या उन्हें ट्रेनिंग देने या साजिश रचने या फंडिंग करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा।
तालिबान ने कहा- ऐसे बयान बर्दाश्त करने लायक नहीं
दूसरी तरफ जब अफगानिस्तान की काबिज हुई तालिबानी सरकार को लेकर चिंता प्रकट करते हुए अमेरिका ने कहा कि सरकार में जिन लोगों को जोड़ा गया है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड विश्वास करने वाला नहीं है। तो अमेरिका के इस बयान पर तालिबान बुरी तरह से तिलमिला उठा है। जिस पर जवाब देते हुए तालिबान ने कहा है कि इस तरह का बयान या कोई बैन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमेरिका को दो टुक जवाब देते हुए तालिबान ने कहा कि अमेरिका ने हक्कानी गुट को लेकर जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन है। इस तरह का बयान अफगानिस्तान या अमेरिका, किसी के भी हक का नहीं है।
आगे तालिबान ने कहा है कि हक्कानी साहब का परिवार भी इस्लामिक अमीरात का हिस्सा है, वह कोई अलग नहीं है। ऐसे में दोहा एग्रीमेंट के तहत इस्लामिक अमीरात के सभी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की ब्लैकलिस्ट से तुरंत हटा देना चाहिए। इसकी मांग लंबे वक्त से है।
साथ ही तालिबान ने ये भी कहा कि अमेरिका और अन्य देशों द्वारा इस्लामिक अमीरात को लेकर जो बयान दिए जा रहे हैं, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। इस तरह के बयानों को तुरंत रोका जाना चाहिए। अमेरिका को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए।