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जानिए, अफगान सरकार के आगे तालिबान ने क्या रखा प्रस्ताव?

अफगान सरकार के एक वार्ताकार ने गुरुवार को बताया कि तालिबान ने 7 हजार विद्रोही कैदियों की रिहाई के बदले में तीन महीने के संघर्ष विराम की पेशकश की है।

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 15 July 2021 9:55 PM IST
taliban propose prisoner release
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तालिबान ने 7 हजार विद्रोह कैदियों की रिहाई की मांग की फोटो- सोशल मीडिया

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी आतंकियों (Taliban's Terrorists) को कहर लगातार जारी है। अफगान सरकार के एक वार्ताकार ने गुरुवार को बताया कि तालिबान ने 7 हजार विद्रोही कैदियों की रिहाई के बदले में तीन महीने के संघर्ष विराम की पेशकश की है। अफगान सरकार के वार्ताकार नादर नादरी ने बताया कि विद्रोहियों ने तालिबान के नेताओं को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट से हटाने की भी मांग की है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान का विभिन्न इलाकों पर कब्जा करने का क्रम जारी है। वहीं, तालिबानियों ने ये मांग कर अफगान सरकार को हैरत में डाल दिया है।

तालिबान की यह मांग तब सामने आई है जब अफगान नेता दोहा वार्ता के एजेंडे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। जानकारी के मुताबिक, अफगान राजनेता 11 सदस्यीय टीम शांति प्रक्रिया को लेकर तालिबान के साथ बातचीत के लिए इस सप्ताह के अंत तक दोहा का दौरा करने वाले हैं। 11 सदस्यीय टीम के सदस्य मोहम्मद करीम खलीली ने बताया कि 'तालिबान के साथ बातचीत के मुख्य एजेंडे में संघर्ष विराम होगा। उन्होंने बताया कि हम समयरेखा पर चर्चा कर रहे हैं, इसपर शुक्रवार को तस्वीर और साफ होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी युद्धरत पक्षों को चेतावनी देते हैं कि जंग से उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। अगर यह स्थिति बनी रही, तो हम अफगानिस्तान को और नाजुक स्थिति में धकेल देंगे।

तालिबान का कहना है कि वार्ता में अफगान राजनेताओं के साथ समूह के प्रमुख वार्ताकार मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। गुलबुद्दीन हिकमत्यार के नेतृत्व वाले हिज्ब-ए-इस्लामी ने कहा है कि बैठक में हिकमत्यार भी शामिल होंगे।

हिज्ब-ए-इस्लामी (Hezb-e-Islami) के एक सदस्य हुमायूं जरीर के मुताबिक, हेकमत्यार अफगानिस्तान के राजनेताओं के साथ तालिबान संग शांति वार्ता के लिए दोहा बैठक में भाग लेंगे। हाई काउंसिल ऑफ नेशनल रिकाउंसिलेशन (एचसीएनआर) के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी कहा कि यात्रा का मुख्य मकसद देश में शांति लाना है।

क्या है दोहा वार्ता?

दोहा वार्ता का संबंध 2001 में कतर में आयोजित विश्व व्यापार संगठन के चौथे मंत्रिस्तरीय सम्मलेन से है। इसमें कृषि संबंधी मुद्दों को विकास से जोड़ते हुए विकासशील देशों को छूट देने की बात की गई थी।



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Satyabha

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