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पाकिस्तान का डेथ स्क्वॉड: विरोधियों के सफाए की हिट लिस्ट, सरकार ने दिया था आदेश
पाकिस्तान सरकार न सिर्फ तालीबान की मदद कर रही थी, बल्कि अपने विरोधियों को तालीबान के हाथों मरवा भी रही थी। यहां तक कि पाकिस्तानी सरकार ने तालीबान के कुछ लड़ाकों को मिलाकर एक 'डेथ स्क्वॉड' भी बनाने की कोशिश में थी, जो सरकार के विरोधियों का चुन चुन कर खात्मा करती।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार एक और सच सामने आया है जिसमें उसने अपने विरोधियों को जान से मारने का एक खाका तैयार किया था। यह खुलासा तालीबान के पाकिस्तानी धड़े के पूर्व प्रवक्ता ने किया है। इस दावे में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार न सिर्फ तालीबान की मदद कर रही थी, बल्कि अपने विरोधियों को तालीबान के हाथों मरवा भी रही थी। यहां तक कि पाकिस्तानी सरकार ने तालीबान के कुछ लड़ाकों को मिलाकर एक 'डेथ स्क्वॉड' भी बनाने की कोशिश में थी, जो सरकार के विरोधियों का चुन चुन कर खात्मा करती।
इस हिट लिस्ट में कबायली राज्य के खैबर पख्तूनख्वा के लोग थे
बता दें कि पाकिस्तान की इस घिनौनी हरकत का खुलासा तालीबान के पाकिस्तानी धड़े के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान (Ehsanullah Ehsan) ने किया है। एहसान ने कहा कि "पाकिस्तानी हुक्मरानों ने उन्हें एक हिट लिस्ट दी थी, जिन्हें पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी कबायली राज्य खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में मारा जाना था।"
इस लिस्ट में पत्रकारों के नाम भी शामिल थे
हमारे सहयोगी न्यूज चैनल WION के पास मौजूद ऑडियो में एहसानुल्लाह बोल रहा है कि जब उसने समर्पण किया, उसके कुछ समय बाद उसे ये लिस्ट दी गई। इसमें खैबर पख्तूनख्वा राज्य के वो बड़े नाम थे, जो पाकिस्तानी सरकार के विरोधी थे। जिसमें पत्रकारों के नाम भी शामिल थे।
ऑडियो में एहसान ने कहा, 'मुझे कहा गया कि आप एक डेथ स्क्वॉड को लीड करें और आप गद्दारों और मुल्क के दुश्मनों के खिलाफ काम शुरू करें। जो लिस्ट मुझे दी गई, उसमें से ज्यादा तर लोगों का संबंध खैबर पख्तूनख्वा से था और वो सब पश्तून थे। ये लोग समाज के हर तबके से तालुक रखते थे। जिनमें पश्तून पत्रकारों के नाम भी शामिल थे।'
कई पाकिस्तान विरोधी नेताओं, लोगों की हत्याएं हुई थी
ऑडियो में एहसानुल्लाह एहसान पाकिस्तानी मिलिटरी इंटेलीजेंस के अधिकारियों के साथ बातचीत का हवाला दे रहा है। हालांकि पाकिस्तान की ये योजना कहां तक परवान चढ़ी, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। ये जरूर है कि खैबर पख्तूनख्वा में कई पाकिस्तान विरोधी नेताओं, लोगों की हत्याएं हुई थी। तहरीक-ए-तालीबान पाकिस्तान (टीपीपी) का प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान इस साल की शुरुआत में पाकिस्तानी कैद से फरार हो गया था। एहसान ने तालीबानी प्रवक्ता के तौर पर मलाला यूसुफजई, 2014 में वाघा बॉर्डर पर आत्मघाती हमले और अन्य आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर 180 देशों की इस लिस्ट में पाकिस्तान 145वें नंबर पर
गौरतलब है कि हाल ही में पत्रकारों की सुरक्षा और पत्रकरिता की स्थिति को लेकर एक वैश्विक रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें पाकिस्तान का नाम बेहद नीचे है। 180 देशों की इस लिस्ट में पाकिस्तान 145वें नंबर पर है।
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