इमरान के मंसूबों पर फिरा पानी, Taliban ने कश्मीर मामले पर दखल से किया इनकार, कहा- भारत और PAK का आपसी विवाद

तालिबान ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दे दिया है, जिससे पाक की इमरान सरकार के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया है। तालिबान ने साफ कहा है कि वह कश्मीर (Kashmir) मामले में दखल नहीं देगा।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 5 Sep 2021 5:40 PM GMT (Updated on: 5 Sep 2021 5:42 PM GMT)
Taliban spokesman Suhail Shaheen
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तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Photo- Social Media)

Taliban-Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) हमेशा से ही तालिबान (Taliban) और दूसरे आतंकी संगठनों का साथ देते आया है। अब अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बार फिर तालिबान की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में पाकिस्तान की मंशा तालिबान का इस्तेमाल कर भारत के कश्मीर से जुड़े अपने नापाक मंसूबे पूरे करना है।

लेकिन अब तालिबान ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दे दिया है, जिससे पाक की इमरान सरकार के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया है। तालिबान ने साफ कहा है कि वह कश्मीर (Kashmir) मामले में दखल नहीं देगा। दरअसल, पिछले दिनों तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से मीडिया में एक बात सुर्खियों में थी, जिसमें वो कह रहे थे कि 'कश्मीरी मुस्लिम के लिए आवाज उठाएंगे'। हालांकि, अब उसी प्रवक्ता ने दावा किया है कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

पाकिस्तान को तालिबान ने दिया तगड़ा झटका

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पाक की नापाक मंसूबों पर पानी फेरते हुए साफ किया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के आपस का मामला है और उनका संगठन इसमें कोई दखल नहीं देगा। तालिबान के इस स्टैंड से पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है, जो अफगानिस्तान पर हाल ही में कब्जा जमाने वाले कट्टरपंथी गुट से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है।

कश्मीर मामले में दखल देने से साफ इनकार

तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीरी मुस्लिम पर उनकी बात को जिस तरह पेश किया गया, उससे वह भी हैरान हैं। उन्होंने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि जिस तरह कहीं भी हिंदू या सिखों के खिलाफ होने वाले मानवाधिकार के हनन पर भारत सरकार अपनी बात रखती है, उसी तरह मुस्लिमों के खिलाफ इस तरह की बात होने पर हम अपना नजरिया रखेंगे। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मसला है और हम चाहते हैं कि दोनों शांतिपूर्वक आपस में सुलझाएं।

सुहैल ने कहा कि हमारा संगठन किसी देश में दखल नहीं देगा, बल्कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के पुनर्निर्माण पर फोकस करेगा। हम मानवाधिकार उल्लंघनों पर अपनी राय रखेंगे, इसका मतलब यह नहीं कि बंदूक उठाकर दखल देंगे।

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