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Afganistan: काबुल पहुंचा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, सरकार बनाने की कोशिश तेज

अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कोशिश में तालिबान का दूसरा सबसे बड़ा नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल पहुंचा...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 22 Aug 2021 4:04 AM GMT (Updated on: 22 Aug 2021 4:09 AM GMT)
Afganistan taliban rules
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काबुल पहुंचा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर  (social media)

Talibani Government in Afghanistan: तालिबान का सहसंस्थापक राष्ट्रपति मुल्ला अब्दुल गनी बरादर शनिवार को काबुल पहुंच गया है। यहां वह तालिबान के अपने साथियों और जिहादी नेताओं के साथ नई अफगान सरकार बनाने को लेकर बात करेगा। अफगानिस्तान में सरकार बनाने को कोशिश में जुटा है तालिबान। तालिबान के एक सीनियर अधिकारी ने बताया की, 'वह एक समावेशी हुकूमतम के गठन के लिए जिहादी नेताओं और राजनेताओं से मिलने के लिए काबुल में रहेंगे।' बरादर 17 अगस्त को कतर से अफगानिस्तान के कंधार पहुंचे थे। कंधार तालिबान का गढ़ रहा है।

खलील हक्कानी अमेरिका का मोस्ट वांटेड

वहीं, तालिबान ने कहा है कि वह चाहते है कि अबकी उनकी सरकार समावेशी रहे, लेकिन इस सरकार में कौन-कौन शामिल होगा इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं हो सका है। अफगानिस्तान के काबुल में सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज हो गई हैं। इसके पहले खलील हक्कानी भी शामिल हो सकते हैं। खलील हक्कानी अमेरिका का मोस्ट वॉटेंड अपराधी है, जिसके बाद उसको पकड़ने के लिए उसके ऊपर 5 मिलियन का इनाम रखा गया है।

बरादर को 2010 में गिरफ्तार किया गया

बरादर को 2010 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। 2018 में पाकिस्तान की अपील से बरादर को रिहा कर उसे कतर भेज दिया गया था, जिसे तालिबान की जन्मस्थली भी माना जाता है।

कौन है अब्दुल गनी बरादर

बरादर तालिबान का नायब नेता है। बरादर अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनने के दौर में सबसे बड़ा दावेदार है। बरादर मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडर्स में एक रहा है। बता दें कि 2010 में ISI ने करांची से इसे गिरफ्तार किया था, लेकिन डील के बाद इसे पाकिस्तान ने 2018 में छोड़ दिया था। बरादर उन चार लोगों में से एक है, जिसने तालिबान का गठन किया था। 2001 में अमेरिकी हमले के समय वह रक्षा मंत्री था। वहीं, अमेरिका और पाकिस्तान ने एक ऑपरेशन में बरादर को गिरफ्तार कर लिया।

Ragini Sinha

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