Quran Burning Case: कुरान जलाने पर बवाल, तुर्की और स्वीडन में ठनी

Quran Burning Case: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के पास कुरान जलाने की स्वीडन सरकार की अनुमति से नाराज़ तुर्की ने स्वीडिश रक्षा मंत्री की आगामी यात्रा रद्द कर दी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 21 Jan 2023 5:07 PM IST
Tension in Turkey and Sweden over Quran burning
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 कुरान जलाने पर तुर्की और स्वीडन में ठनी: Photo- Social Media

Quran Burning Case: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के पास कुरान जलाने की स्वीडन सरकार की अनुमति से नाराज़ तुर्की ने स्वीडिश रक्षा मंत्री पाल जोंसन की आगामी यात्रा रद्द कर दी है। तुर्की के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने जर्मनी में नाटो की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा - हमने देखा कि तुर्की और हमारे राष्ट्रपति (रेसेप तैयप एर्दोगन) के खिलाफ इन नीच और जघन्य कृत्यों के परिणामस्वरूप कोई उपाय नहीं किए गए थे। ऐसे में स्वीडिश रक्षा मंत्री जोंसन की 27 जनवरी को तुर्की की यात्रा अर्थहीन हो गई है। इसलिए हमने यात्रा रद्द कर दी।

सरकार की इजाजत

डेनमार्क की अति दक्षिणपंथी पार्टी "स्ट्रैम कुर्स" के नेता रासमस पलुदन ने स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाने की योजना बनाई है। स्वीडिश सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि ताजा घटनाक्रम से स्वीडन की नाटो में एंट्री में और देरी हो सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देने के लिए कहना उनके लिए "बहुत अनुचित" होगा।

मानवता के खिलाफ अपराध

तुर्की के मंत्री हुलसी अकर ने कहा कि इस घटना पर चुप रहना अस्वीकार्य था। उन्होंने कहा कि कार्रवाई करना और सावधानी बरतना आवश्यक था। नाटो की खुले दरवाजे की नीति के लिए तुर्की के समर्थन पर जोर देते हुए, अकार ने कहा : "हम चाहते हैं कि इस ज्ञापन में प्रतिबद्धताओं की पूर्ति हो। हम उम्मीद करते हैं कि स्वीडन और फिनलैंड अपना हिस्सा, अपना होमवर्क करेंगे।"

तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलिन (Turkish presidential spokesman Ibrahim Kalin) ने भी ट्विटर पर पोस्ट किया कि स्टॉकहोम में पवित्र कुरान को जलाना घृणा अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने कहा, हमारी सभी चेतावनियों के बावजूद इस कार्रवाई की अनुमति देना घृणा अपराधों और इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देता है। पवित्र मूल्यों पर हमला स्वतंत्रता नहीं, बल्कि आधुनिक बर्बरता है।

Shashi kant gautam

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