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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावः आठ फीसदी का ये अंतर करेगा बड़ा फैसला

ट्रंप ने जोर से ‘हम यहां हैं’ कहते हुए रैली की शुरुआत की। ट्रम्प रैली में लोगों के बीच इस तरह मास्क बांट रहे थे जैसे कोई रॉकस्टार ऑटोग्राफ देता है, लेकिन उन्होंने खुद मास्क नहीं पहना था। रैली में भाग लेने वाले उनके समर्थकों में भी सिर्फ कुछ लोगों के अलावा अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं पहने थे।

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Published on: 17 Oct 2020 6:35 PM IST
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावः आठ फीसदी का ये अंतर करेगा बड़ा फैसला
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This difference of eight percent will make a big decision in the US presidential election

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अब अंतिम दौर में पहुँच गया है। ये चुनाव अमेरिका के इतिहास के सबसे रोमांचक और महत्वपूर्ण हैं। रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन में किसका पलड़ा भारी है इसे लेकर बहुत असमंजस है क्योंकि जहाँ जनता का रिएक्शन डोनाल्ड ट्रम्प की भारी जीत की ओर संकेत कर रहा वहीं मीडिया बिडेन को बहुत आगे बता रहा है। ट्रम्प और बिडेन के बीच 8 फीसदी का अंतर बताया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ये अंतर 9 फीसदी का था। ताजातरीन सर्वे के मुताबिक ट्रम्प की लोकप्रियता हाल के दिनों में 1.5 अंक बढ़ी है जो काफी मायने रखती है।

ट्रम्प की अप्रूवल रेटिंग बढ़ी

डोनाल्ड ट्रम्प के लिए अच्छी बात ये है कि उनकी अप्रूवल रेटिंग अब और सकारात्मक दिखाई देने लगीं हैं। जून के महीने में ट्रम्प के पक्ष में 41.2 फीसदी लोग थे जबकि 56.2 फीसदी नाखुश थे। लेकिन अक्टूबर के महीने में ये स्थिति बदल गयी है और ट्रम्प के पक्ष में 44.4 फीसदी लोग अपना मत रख रहे हैं। नाखुश लोगों की संख्या घट कर 53.5 फीसदी हो गयी है।

सर्वे हमेशा सही नहीं होते

2016 के चुनाव में अधिकांश सर्वे गलत साबित हुए थे और इस बार बहुत मुमकिन है कि कोई सर्वे पिछले गलती दोहराएगा। ‘डेमोक्रेसी इंस्टिट्यूट’ के एक सर्वे में बताया गया है कि ट्रम्प इलेक्टोरल कॉलेज जीत रहे हैं। इलेक्टोरल कॉलेज के मायने हैं विभिन्न राज्यों में किस पार्टी के कितने प्रतिनिधि जीतते हैं। दूसरी ओर पोपुलर वोट के मायने होते हैं कि कितने लोगों ने सीधे प्रेसिडेंट प्रत्याशी को वोट दिया है।

अमेरिका के सभी 50 राज्य और वाशिंगटन डीसी के पास निश्चित संख्या में ‘निर्वाचक’ होते हैं जो इलेक्टोरल कॉलेज का हिस्सा होते हैं। इनकी संख्या हर राज्य के आकार के अनुपात में होती है। अमेरिका में कुल 538 निर्वाचक है और बहुमत पा कर प्रेसिडेंट बनने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 270 निर्वाचक मिलना जरूरी है।

राज्यों में भारी अंतर

बहरहाल अलग अलग राज्यों की स्थिति भी अलग अलग है। कहीं ट्रम्प आगे हैं तो कहीं बिडेन। चुनाव में फ्लोरिडा काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यहाँ से 29 इलेक्टोरल वोट होते हैं। पिछले छह चुनावों का ट्रेंड दिखाता है कि जो इस राज्य में जीतता है वो प्रेसिडेंट बनता है।

1992 में बिल क्लिंटन फ्लोरिडा में हार गए थे लेकिन बाकि देश में अपने प्रदर्शन के आधार पर प्रेसिडेंट चुने गए थे। इस बार ट्रम्प और बिडेन के बीच यहाँ कांटे का मुकाबला है। 2016 में तीन सर्वे में ट्रम्प की जीत दिखाई गयी थी जबकि दो सर्वे टाई बता रहे थे।

फ्लोरिडा के अलावा विन्कोंसिन, मिशिगन, नार्थ कैरोलिना, एरिज़ोना और पेंसेल्वानिया में भी कांटे की टक्कर है। जहाँ तक सर्वे की बात है तो 2016 के नेशनल सर्वे में हिलरी किल्तों की भरी जीत बताई जा रही थी लेकिन जब नतीजे आये तो वो हार गयीं। इस हार के बाद ऊटपटांग आरोप लगते रहे कि चुनाव में गड़बड़ी कराई गयी है जिसमें रूस का हाथ है।

ट्रम्प लौटे चुनाव अभियान पर

राष्ट्रपति ट्रंप 12 अक्टूबर को फ्लोरिडा के सैनफोर्ड में एक रैली में भाग लेकर अपने चुनाव अभियान पर वापस लौट आए। बिना मास्क लगाए ट्रंप ने अपने समर्थकों की भीड़ से कहा, ‘मैं बहुत शक्तिशाली महसूस कर रहा हूं।‘

ट्रंप ने जोर से ‘हम यहां हैं’ कहते हुए रैली की शुरुआत की। ट्रम्प रैली में लोगों के बीच इस तरह मास्क बांट रहे थे जैसे कोई रॉकस्टार ऑटोग्राफ देता है, लेकिन उन्होंने खुद मास्क नहीं पहना था। रैली में भाग लेने वाले उनके समर्थकों में भी सिर्फ कुछ लोगों के अलावा अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं पहने थे।

डोना्ल्ड ट्रंप लगातार जोर जोर से बोल रहे थे। बीच बीच में उनका गला भर्रा भी जा रहा था। अपने प्रतिद्वंदियों और पत्रकारों को अपमानित करते हुए वो अपने चिर-परिचित चुटकुले भी सुना रहे थे।

मैं इम्यून हूं

ट्रंप ने भीड़ से कहा, ‘वो कहते हैं कि मैं इम्यून हूं। मैं बहुत शक्तिशाली महसूस कर रहा हूं।‘ उनके एयर फोर्स वन विमान को मंच के ठीक पीछे खड़ा किया गया था।

यात्रा शुरू होने से पहले वॉशिंगटन में जब राष्ट्रपति का काफिला एयर फोर्स वन के पास पहुंचा तो खुद ट्रंप अपनी गाड़ी से उतरते समय बिना मास्क के नजर आए। इस यात्रा को लेकर काफी तनाव भी था। पिछले 10 दिनों में व्हाइट हाउस खुद एक कोविड-19 हॉटस्पॉट बन चुका है।

व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति के साथ यात्रा करने वाले पत्रकारों को आश्वासन दिया था कि विमान पर चढ़ने वाले हर व्यक्ति की पहले कोरोना वायरस जांच की जाएगी और पत्रकारों से बातचीत करने वाला हर व्यक्ति मास्क पहनेगा।

लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले वॉशिंगटन में जब राष्ट्रपति का काफिला एयर फोर्स वन के पास पहुंचा तो खुद ट्रंप अपनी गाड़ी से उतरते समय बिना मास्क के नजर आए। वो पूरे काफिले में बिना मास्क वाले अकेले व्यक्ति थे। पत्रकारों को थम्स अप दिखाते हुए वो जल्दी से विमान की सीढ़ियां चढ़ गए। एक सीढ़ी उन्होंने उछल कर भी चढ़ी, शायद यह दिखाने के लिए की वो स्वस्थ्य महसूस कर रहे हैं।



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