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PM Modi Speech: रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने पर पीएम मोदी का जोर, इसी रास्ते पर चलकर खत्म हो सकती है जंग
PM Modi Speech Russia Ukraine: कूटनीति और वार्ता का रास्ता अपनाकर इस विवाद का समाधान खोजा जा सकता है।
PM Modi Speech Russia Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच पैदा हुए विवाद का समाधान बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सातवें ईस्टर्न इकोनामिक फोरम को संबोधित करते हुए रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का जिक्र करते हुए कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत के समय से ही हम बातचीत का रास्ता अपनाने पर जोर देते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कूटनीति और वार्ता का रास्ता अपनाकर इस विवाद का समाधान खोजा जा सकता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत इस विवाद को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण प्रयासों का पक्षधर है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष का असर पूरी दुनिया पर
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल ढंग से ईस्टर्न इकोनामिक फोरम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में दुनिया के किसी भी हिस्से में हुई घटना का असर पूरी दुनिया पर दिखाई पड़ता है। कोरोना महामारी का असर थोड़ा कमजोर पड़ने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर भी पूरी दुनिया में दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष का असर पूरी दुनिया की सप्लाई चेन पर पड़ा है। इस असर को कम करने के लिए ठोस प्रयास किया जाना जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि ईंधन की कमी और खाद्यान्न व उर्वरक के संकट से विकासशील देशों के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किए जाने की जरूरत है।
वार्ता से विवाद सुलझाने पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण पूरी दुनिया की व्यवस्था प्रभावित हुई है। इस जंग को समाप्त करने के लिए ठोस पहल किए जाने की जरूरत है। इस समस्या का समाधान वार्ता के टेबल पर ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमने जंग की शुरुआत के समय से ही दोनों देशों से बातचीत के जरिए समस्या को सुलझाने की अपील की थी। हमारा अभी भी मानना है कि बातचीत के जरिए इस विवाद का समाधान किया जा सकता है।
रूस के साथ सहयोग बढ़ाएगा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में ईस्टर्न इकोनामिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुझे तीन वर्ष पूर्व इस फोरम की बैठक में रूबरू हिस्सा लेने का मौका मिला था। उस समय मैंने भारत की एक्ट फार ईस्ट नीति की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि हम रशियन फार ईस्ट के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में कामयाब हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में रूस के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाने का इच्छुक है और इस दिशा में ठोस पहल की गई है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग की काफी संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में काम किए जाने की जरूरत है। हमने इस दिशा में प्रयास शुरू भी कर दिया है। इसके साथ ही भारत ने फार्मा और हीरों के क्षेत्र मं भी दिलचस्पी दिखाई है और इसका नतीजा भी जल्द ही दिखाई देगा।