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Rahimullah Haqqani: आत्मघाती हमले में तालिबान का शीर्ष नेता रहीमुल्लाह हक्कानी मारा गया

Rahimullah Haqqani: राजधानी काबुल में तालिबान का बड़ा नेता रहीमुल्लाह हक्कानी एक आत्मघाती हमले में मारा गया। रहीमुल्लाह हक्कानी एक कट्टरपंथी मौलाना (Maulana) था।

Krishna Chaudhary
Published on: 11 Aug 2022 2:26 PM GMT
Top Taliban leader Rahimullah Haqqani killed in suicide attack
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तालिबानी नेता रहीमुल्लाह हक्कानी: Photo- Social Media

Rahimullah Haqqani: आने वाले 15 अगस्त को अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के एक साल पूरे हो जाएंगे। पिछले साल इसी दिन उसने काबुल को अपने कंट्रोल में लेने का ऐलान कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। सत्ता संभालने के एक साल बाद भी वह देश पूरी नियंत्रण स्थापित नहीं कर पाया है। अब तक मस्जिदों और अन्य स्थानों पर कई बम धमाके हो चुके हैं। अब तो उसके शीर्ष नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजधानी काबुल में तालिबान का बड़ा नेता रहीमुल्लाह हक्कानी (leader Rahimullah Haqqani) एक आत्मघाती हमले में मारा गया।

अफगानी मीडिया के मुताबिक, धमाके के समय वह अपने मदरसे में बच्चों को हदीस पढ़ा रहा था। तालिबान की तरफ से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अफगान मामलों के जानकार इसे तालिबान के अंदर व्यापत अंदरूनी कलह को जिम्मेदार बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि हक्कानी को मारने के पीछे पूरी साजिश रची गई थी, जिसके तहत यह सुसाइड अटैक हुआ।

रहीमुल्लाह पर पहले भी हो चुके हैं हमले

रहीमुल्लाह हक्कानी (leader Rahimullah Haqqani) पर ये कोई पहला हमला नहीं था। इससे पहले भी उसे जान से मारने की कोशिश की गई थी। अक्टूबर 2020 में हुए एक ऐसे ही हमले में वह बाल-बाल बचा था। इससे पहले साल 2013 में पाकिस्तान के पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पर हमला बोल दिया था मगर वह किसी तरह वहां से सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा था।

कौन था रहीमुल्लाह हक्कानी

रहीमुल्लाह हक्कानी एक कट्टरपंथी मौलाना (Maulana) था। उसे हदीस का अच्छा जानकार बताया जाता था। उसकी पढ़ाई –लिखाई देवबंदी मदरसे में हुई थी। वह मूल रूप से पाकिस्तान के सीमा के पास अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के पचिर अव अगम जिले का रहने वाला था। उसने कुछ साल पहले काबुल में मदरसा जुबेरी की स्थापना की थी, जहां कहा जाता है कि सैंकड़ों संख्या में छात्र और शिक्षक हैं।

वह भले एक कट्टरपंथी मौलाना था लेकिन वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहता था। उसका एक फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल भी था, जहां वह हदीस और देवबंदी विचार को प्रमुखता से प्रमोट करता था। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों जगह उसके काफी अनुयायी थे।

अफगान मीडिया के मुताबिक, रहीमुल्लाह नंगरहार प्रांत में तालिबान मिलिट्री कमिशन का मेंबर भी रह चुका है। उसे अमेरिकी सेना (us Army) ने गिरफ्तार भी किया था। कई सालों तक वह बगराम जेल में बंद रहा था। वह बीते नौ सालों से पाकिस्तान में रह रहा था।

Shashi kant gautam

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