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मॉरीशस और भारत के बीच किन उत्पादों का होता है व्यापार, जानिए दोनों देशों के बीच कैसा है सांस्कृतिक संबंध

Mauritius-India Trade:

Sakshi Singh
Published on: 11 March 2025 3:43 PM IST (Updated on: 11 March 2025 3:45 PM IST)
Mauritius India Trade
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Mauritius India Trade (AI Created तस्वीर)

Mauritius-India Trade: भारत और मॉरीशस के बीच किन उत्पादों का व्यापार होता है, इसे जानने से पहले हम मॉरीशस के भौगोलिक और जलवायु स्थिति को जान लेते हैं। मॉरीशस, हिंद माहासागर में स्थित एक द्वीप देश है। यह अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट पर मेडागास्कर के पूर्व में है। मॉरीशस, मास्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। ये द्वीप ज्वालामुखीय विस्फोटों से बना है।

मॉरीशस का कैसा है जलवायु

मॉरीशस के जलवायु की बात करें तो यहां साल भर गर्म तापमान रहता है। मॉरीशस में साल भर गर्म तापमान रहता है। नवंबर से मई तक गर्म और आर्द्र गर्मी का मौसम रहता है। मई से नवंबर तक का शुष्क मौसम होता है। सर्दी लगभग 6 डिग्री सेल्सियस ठंडी और शुष्क होती है। बारिश सालाना 2100 मिमी तक होती है। द्वीप के मध्य और दक्षिणी भागों में बारिश ज्यादा होती है।

68 प्रतिशत हिंदू आबादी

मॉरीशस के आबादी की बात करें तो 68 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू आबादी की है। खास बात ये है कि वहां के वर्तमान प्रधानमंत्री भी भारतीय मूल के हैं। ऐसे कई वहज हैं जिससे भारत और मॉरीशस के बीच आपसी रिश्ते काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यही वजह बनती है दोनों देशों के बीच अच्छा ट्रेड यानी व्यापार संबंध है। मॉरीशस में भारत से मोती और चीनी एक्सपोर्ट ज्यादा किया जाता है।

मॉरीशस को पसंद है भारतीय मोती

भारत मोतियों का सबसे बड़ा एक्पोर्टर वाला देश है। इसी वजह से भारत के मोतियों का मॉरीशस आयात करता है। अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार COMTRADE डेटाबेस के मुताबिक साल 2023 के दौरान मॉरीश्स को भारत से प्राकृतिक या संवर्धित मोतियों का निर्यात 2.25 हजार अमेरिकी डॉलर का हुआ था। इसके अलावा भारत से कई और वस्तुओं का एक्सपोर्ट मॉरीशस को किया जाता है।

भारत और मॉरीशस के बीच व्यापार

पिछले पांच सालों में भारत और मॉरीशस के बीच प्रमुख साझेदारी रही है। भारत ने मॉरीशस के कुल आयात में 10.2 प्रतिशत हिस्सेदारी का प्रतिनिधत्व किया। मॉरीशस के आयात के मुख्य देशों में भारत तीसरे स्थान पर रहा। भारत से मॉरीशस को निर्यात की मात्रा साल दर साल यूं रहा..

  • 2018 में 1027 मिलियन अमेरीकी डॉलर
  • 2019 में 776 मिलियन अमेरीकी डॉलर
  • 2020 में 405 मिलियन अमरीकी डॉलर
  • 2021 में 808 मिलियन अमरीकी डॉलर
  • 2022 में 632 मिलियन अमरीकी डॉलर
  • 2023 में 646 मिलियन अमरीकी डॉलर थी

मॉरीशस को शीर्ष 5 भारतीय निर्यात और मॉरीशस में इन उत्पादों के लिए बाजार हिस्सेदारी फार्मास्यूटिकल्स, कपास, अनाज, मोटर वाहन और खनिज ईंधन हैं। यह स्थानीय उद्योग के लिए कच्चे माल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी है। यानी कपड़ा और परिधान उद्योग को यार्न और कपड़े की आपूर्ति करता है।

ऐसा नहीं है कि भारत ने मॉरीशस को केवल निर्यात ही किया हो, भारत मॉरीशस से जो आयात करनता है उसका आंकडा इस प्रकार है. 2019 में भारत ने मॉरीशस से मूल्य 24 मिलियन अमेरीकी डॉलर, 2020 में 32 मिलियन अमेरीकी डॉलर, 2021 में 45 मिलियन अमेरीकी डॉलर, 2022 में 57 मिलियन अमेरीकी डॉलर और 2023 में 55 मिलियन अमेरीकी डॉलर का आयात किया था। 2023 में आयात किए जाने वाले मुख्य उत्पादों में चिकित्सा उपकरण, स्क्रैप मेटल, मछली का आटा और स्क्रैप कॉपर आदि शामिल थे। स्क्रैप एल्युमिनियम, वेनिला बीन्स, स्क्रैप पेपर, मशीनरी के पुर्जे और परिधान 2023 में मॉरीशस द्वारा भारत को निर्यात की जाने वाली अन्य प्रमुख वस्तुएं थीं।

भारत 2005 से मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार रहा

व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर भारत 2005 से मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक बना हुआ है। 2023-24 में भारत से मॉरीशस को 778.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि मॉरीशस से भारत को 73.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात हुआ। भारत से मॉरीशस को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, दवाइयां, अनाज, कपास और झींगा निर्यात किया जाता है। जबकि मॉरीशस से भारत को वेनिला, चिकित्सा उपकरण और रिफाइंड कॉपर जैसे उत्पाद मिलते हैं। 2000 से अब तक मॉरीशस से भारत में 175 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है, जिससे यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया है। 2021 में भारत और मॉरीशस के बीच CECPA (Comprehensive Economic Cooperation and Partnership Agreement) समझौता हुआ, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को और मजबूत कर रहा है।

भारत की ये कंपनियां मॉरीशस में करती हैं काम

मॉरीशस में वर्तमान में लगभग 17 403 भारतीय नागरिक हैं। जिसमें से 10274 ओसीआई कार्ड धारक हैं। और लगभग 64 भारतीय कंपनियों ने मॉरीशस में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आईसीटी, फ्रीपोर्ट और वित्तीय सेवाओं जैसे कई क्षेत्रों में निवेश किया है। मॉरीशस में काम करने वाली कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियों में एमिटी, इंफोसिस, डॉ. अग्रवाल आई हॉस्पिटल, द ओबेरॉय आदि शामिल हैं।

मॉरीशस और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंध

शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग में भी भारत ने मॉरीशस को महत्वपूर्ण समर्थन दिया है। मॉरीशस में भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र, इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (IGCIC), स्थापित किया गया है। जहां हर साल 2500 से ज्यादा छात्रों को संगीत, कथक, तबला और योग की शिक्षा दी जाती है। ITEC कार्यक्रम के तहत हर साल लगभग 400 मॉरीशियन भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, जबकि ICCR स्कॉलरशिप के माध्यम से 60 छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। 2007-08 से अब तक आईटीईसी कार्यक्रम के तहत लगभग 4868 मॉरीशसवासियों को प्रशिक्षित किया गया है।

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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