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Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक कांड ने बढ़ाई चीन की टेंशन,ड्रैगन के खिलाफ भी BLA का आक्रमक रुख

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में हुए ट्रेन हाईजैक कांड ने चीन की टेंशन बढ़ा दी है। पाकिस्तान सेना की ओर से दावा किया गया है कि ऑपरेशन खत्म हो गया है और 33 बलूच विद्रोहियों को मार गिराया गया है।

Newstrack          -         Network
Published on: 13 March 2025 10:42 AM IST
Pakistan Train Hijack
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Pakistan Train Hijack (Photo: Social Media)

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में हुए ट्रेन हाईजैक कांड ने चीन की टेंशन बढ़ा दी है। पाकिस्तान सेना की ओर से दावा किया गया है कि ऑपरेशन खत्म हो गया है और 33 बलूच विद्रोहियों को मार गिराया गया है। दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी ने सुरक्षा बलों के सौ जवानों को मारने के साथ ही 150 बंधकों के कब्जे में होने का दावा किया है। बलूच लिबरेशन आर्मी न केवल पाकिस्तान सरकार और सेना बल्कि चीन के खिलाफ भी आक्रामक रुख अपनाती रही है।

बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार की मदद से चीन बलूचिस्तान के खनिजों और संसाधनों का दोहन कर रहा है। चीन की ओर से बलूचिस्तान में बड़े प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं और ऐसे में बलूच विद्रोहियों की ओर से उठाया गया कदम चीन की टेंशन बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। वैसे बलूच लिबरेशन आर्मी की ओर से ट्रेन को हाईजैक किए जाने की घटना पर अभी तक चीन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

ट्रेन हाईजैक कांड ने पाक हुकूमत की नींव हिलाई

पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों की ओर से जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किए जाने की घटना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस घटना के बाद पाकिस्तान सेना और बलूच विद्रोहियों की ओर से परस्पर विरोधी दावे किए गए हैं। पाकिस्तान सेना का कहना है कि सभी बंधकों को मुक्त कराने के साथ ही ऑपरेशन खत्म हो गया है। दूसरी ओर बलूच विद्रोहियों का कहना है कि अभी भी 150 बंधक उसके कब्जे में हैं और सुरक्षा बलों के सौ जवानों को मार गिराया गया है।

बलूच विद्रोहियों ने यह भी भी चेतावनी दी है कि दोबारा सैन्य कार्रवाई करने पर सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। पाकिस्तान सेना की ओर से भले ही ऑपरेशन को पूरा किया जा चुका हो मगर इस घटना ने पाकिस्तान हुकूमत की नींव हिला दी है। बलूच विद्रोहियों की ओर से पाकिस्तान में एक साल के भीतर 15 बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। बलूच विद्रोहियों के तेवर से साफ है कि आने वाले समय में भी वे शांत नहीं बैठने वाले हैं।

चीन के प्रोजेक्ट से बलूच विद्रोही नाराज

पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान के बीच लंबे समय से तकरार चल रही है। बलूचिस्तान में खनिजों और संसाधनों का अकूत भंडार है और बलूचिस्तान से जुड़े विभिन्न संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार की ओर से इन संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि इन संसाधनों पर बलूचिस्तान के लोगों का हक है मगर उनके हक की अनदेखी की जा रही है।

बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (CEPC) के तहत चीन की ओर से कई बड़े प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इस कारण बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट पाकिस्तान के साथ ही चीन से भी खफा है। बलूचिस्तान में चीन के इंजीनियरों और नागरिकों पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में बलूच विद्रोहियों की ओर से ट्रेन हाईजैक की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद चीन की टेंशन भी बढ़ गई है।

पाक सेना की नाकामी से चीन की टेंशन बढ़ी

भारतीय खुफिया सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएलए की ओर से बीजिंग के हितों को भी निशाना बनाया जा रहा है और ऐसे में चीन का परेशान होना स्वाभाविक है। फिलहाल चीन और पाकिस्तान की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। सीईपीसी के तहत चीन ने बलूचिस्तान में बड़ा निवेश कर रखा है मगर पाकिस्तान सरकार बलूच विद्रोहियों से निपटने में अभी तक नाकाम साबित हुई है।

चीनी कर्मचारियों के लिए बढ़ गया संकट

जानकारों का कहना है कि बलूचिस्तान में चल रही विभिन्न परियोजनाओं और चीनी कर्मचारियों पर हमले की आशंका अब और बढ़ गई है। जाफर एक्सप्रेस कांड ने यह साबित कर दिया है कि बीएलए की ताकत को कम आंकना भारी भूल साबित होगी।

बीएलए के हमलों को रोकने में पाकिस्तान सरकार और सेना की नाकामी आने वाले दिनों में चीन की मुसीबत बढ़ाने वाली साबित होगी। पाकिस्तान सरकार चीन को अपना भाई जरुर बताती रही है मगर भाई का संकट सुलझाने की दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। माना जा रहा है कि चीन की सरकार पूरे घटनाक्रम पर गहन नजर बनाए हुए हैं।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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