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ट्रंप और पुतिन की टेलीफोनिक बातचीत ने हिला डाला दुनिया, गड़बड़ाया माहौल

Trump and Putin Telephonic Conversation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच 12 फरवरी को टेलीफोनिक बातचीत हुई। इस बीतचीत के बाद से रुस और अमेरिका बीच रिश्तों की नई शुरुआत देखी जा रही है।

Sakshi Singh
Written By Sakshi Singh
Published on: 20 Feb 2025 8:08 PM IST
Trump and Putins telephonic conversation shook the world
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तस्वीर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

Trump and Putin Telephonic Conversation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच 12 फरवरी को टेलीफोनिक बातचीत हुई। इस बीतचीत के बाद से रुस और अमेरिका बीच रिश्तों की नई शुरुआत देखी जा रही है।

जहां इन दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरते नजर आ रही है। वहीं अमेरिका और यूरोप के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। यूक्रेन में जारी जंग के दौरान युद्धविराम के लिए रूस और अमेरिका के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक सऊदी अरब में हुई। जिसमें न तो यूक्रेन को शामिल किया गया और न ही यूरोप के अन्य किसी कंट्री को।

ये सब ट्रंप और पुतिन की टेलीफोनिक बातचीत सप्ताह भर के दरमियान ही हो गया। अमेरिका के इस रवैये पर यूक्रेन और यूरोप मजबूरन को ट्रंप की आलोचना करनी पड़ रही है। अमेरिका के इस रूखेपन से यूरोप की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। तो वहीं रूस की स्थिति मजबूत हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में रूस को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कहा ये जा रहा है कि बिना किसी को कोई कीमत अदा किये ही रूस अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गया है। मीडिया के मुताबिक रूस अपनी जनता और दुनिया को दिखाना चाहता है कि यूक्रेन वॉर को लेकर उसके अलग-थलग करने की यूरोपीय कोशिशें फेल हो गई हैं।

रूसी मीडिया के मुताबिक, अमेरिका और रूस के संबंधों में गर्माहट का स्वागत करत रहा है। पुतिन समर्थित टेबलॉयड मॉस्कॉस्की कॉमसॉमोलेट्स लिखा कि ट्रंप जानते हैं कि उन्हें रूस को रियायत देनी होगी क्योंकि वो उस पक्ष से समझौता कर रहे हैं जा यूक्रेन वॉर जीत रहा है। वो रूस को रियायत देंगे इसका खामियाजा अमेरिका नहीं, ब्लकि यूक्रेन और यूरोप को भुगतना होगा।

यूरोपियन कंट्री डोनाल्ड ट्रंप को लेकर कुछ कहने से हिचक रहे हैं। लेकिन उन्हें ये भी शक है कि ट्रंप, रूस के सबसे अच्छे साबित होंगे और यूक्रेन के साथ उसकी जंग को खत्म कर देंगे। मॉस्को की एक पत्रकार बीबीसी के संवाददाता से कहती हैं कि ट्रंप व्यापारी हैं। वो सिर्फ पैसा बचाना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता है कि हालात कुछ बदलेंगे।



Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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