ट्रंप की धमकी पर ईरान का पलटवार, संबंधों में तनातनी बढ़ी

raghvendra
Published on: 28 July 2018 6:58 AM GMT
ट्रंप की धमकी पर ईरान का पलटवार, संबंधों में तनातनी बढ़ी
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ईरान: अमेरिका व ईरान के संबंधों में तनातनी बढ़ती जा रही है। दोनों देश एक-दूसरे को धमकी दे रहे हैं जिससे परमाणु हथियारों को लेकर पैदा हुआ तनाव कम होने की अपेक्षा बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां ईरान को सावधान रहने की चेतावनी दी है तो दूसरी ओर ईरान ने ट्रंप की धमकी पर पलटवार किया है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि हम इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हम पर इसका कोई असर नहीं पडऩे वाला है। हम यहां सदियों से हैं और हमने अपने साम्राज्य सहित कई साम्राज्यों को बनते-बिगड़ते हुए देखा है। हमारे उस साम्राज्य का जीवनकाल भी इतना लंबा रहा, जितनी कुछ देशों की उम्र भी नहीं है। इसलिए अमेरिका को धमकी देने की जगह खुद ही सावधान रहना चाहिए।

ट्रंप की प्राथमिकता अमेरिकी लोगों की सुरक्षा

इस बीच व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ईरान परमाणु हथियार हासिल ना कर सके। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स से ईरान को धमकी देने वाले ट्रंप के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप शुरुआत से ही ईरान के प्रति सख्त लहजे का इस्तेमाल कर रहे हैं।

ट्रंप की प्राथमिकता अमेरिकी लोगों की सुरक्षा है और इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप का एकमात्र लक्ष्य और ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि हम उनके हाथों में परमाणु हथियार ना पहुंचने दें और अमेरिका की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप का पहला लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान को परमाणु हथियार ना मिले।

ईरान बोला: अमेरिका सावधान रहे

इस बीच ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने ट्विटर पर ट्रंप को जवाब देते हुए कहा कि हमें सावधान रहने की चेतावनी देने वालों को खुद सावधान रहना चाहिए।

जरीफ ने कहा कि दुनिया ने कुछ महीने पहले इससे बड़ी धमकी सुनी थी और ईरानियों ने भी सुनी थी जबकि वह 40 साल से सबसे सभ्य देशों में से एक है। जरीफ ट्रंप के सोमवार को किए गए उस ट्वीट का जवाब दे रहे थे जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी कि दोबारा अमेरिका को मत धमकाना अन्यथा आपको ऐसे अंजाम भुगतने पड़ेंगे जिसके उदाहरण इतिहास में बिरले ही मिलते हैं।

रूहानी का भी कड़ा रुख

ट्रंप की इस टिप्पणी से पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप को चेतावनी दी थी कि वह सोते हुए शेर को ना छेड़ें। रुहानी ने कहा कि ईरान के साथ लड़ाई सबसे भीषण लड़ाई साबित होगी। रूहानी ने अमेरिका के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर अमेरिका तेहरान और विश्व की ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को तोड़ता है तो वॉशिंगटन को याद रखना चाहिए कि उसके हाथ पछतावे के सिवा कुछ नहीं लगेगा।

रूहानी ने कहा कि ट्रंप को ईरान की ताकत पता होनी चाहिए। हमारे देश के लोग एकजुट हैं। यहूदी शासन (इजराइल) को यह जरूर जानना चाहिए कि हमारे लोग एकजुट हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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