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अमेरिका में बड़ा अभियान, क्या होगा भारत के लाखों अवैध इमेग्रेंट्स का?

अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार अकेले 2023 में लगभग 90,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

Neel Mani Lal
Published on: 27 Jan 2025 5:25 PM IST (Updated on: 27 Jan 2025 5:25 PM IST)
Donald Trump
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US President Donald Trump (Photo: Social Media)

Illegal Immigrants: भारतीयों के लिए अमेरिका का आकर्षण इतना ज्यादा है कि बहुत से लोग किसी भी कीमत पर वहां घुसने को तैयार हैं। यही वजह है कि प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, भारत के 7,25,000 से ज्यादा अवैध इमिग्रेंट्स या घुसपैठिए अमेरिका में रह रहे हैं। अवैध घुसपैठियों के मामले में मैक्सिकन और साल्वाडोर के बाद भारत का नम्बर है। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार अकेले 2023 में लगभग 90,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

क्या करेगा भारत

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका से अवैध इमिग्रेंट्स को निकाल फेंकने का वादा किया है और कार्रवाई का अभियान छेड़ भी दिया है। इस देश निकाला अभियान से बड़ी संख्या में भारतीयों को भी अंजाम भुगतना होगा।

बताया जाता है कि भारत सरकार ट्रम्प प्रशासन के साथ मिलकर 18,000 भारतीय अवैध आप्रवासियों को वापस लेने के लिए काम कर रही है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत का टारगेट है कि कुछ ऐसा रास्ता निकाला जाए ताकि वैध तरीके से अमेरिका जाने वालों को दिक्कत न हो। जैसे कि स्किल वर्कर वीसा का मिलना जारी रहे और ट्रम्प द्वारा अवैध प्रवास पर लगाए जाने वाले दंडात्मक टैरिफ से बचा जा सके। ट्रम्प के प्रशासन की मदद करने से भारत को अमेरिकी कार्रवाई के प्रचार में फंसने की शर्मिंदगी से भी बचाया जा सकता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से भारत के अवैध इमिग्रेंट्स को निकाला जाना कोई नई बात नहीं है। पिछले साल 1,000 से अधिक भारतीयों को वापस भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि, "हमारी पोजीशन यह है कि हम अवैध प्रवास के खिलाफ हैं। हम भारत से अमेरिका में कानूनी प्रवास के लिए और अधिक रास्ते बनाने के उद्देश्य से अवैध आव्रजन पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।"

लेकिन कानूनी रास्ते, यानी कुशल श्रमिकों के लिए एच-1बी वीजा और छात्रों के लिए वीजा - ट्रम्प के समर्थकों के बीच गरमागरम बहस का विषय रहे हैं। एलन मस्क और अन्य तकनीकी दिग्गजों का कहना है कि अमेरिका में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं की भर्ती के लिए एच-1बी वीजा की आवश्यकता है। लेकिन अधिक राष्ट्रवादी आवाज़ें कहती हैं कि उन वीजा धारकों द्वारा भरी गई नौकरियां अमेरिकियों को मिलनी चाहिए।

इस बीच विदेश विभाग ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन भारत के साथ मिलकर "अनियमित प्रवास से संबंधित चिंताओं को दूर करने" के लिए काम कर रहा है। नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक भी की है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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