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El Salvador: इस देश की दो फीसदी एडल्ट आबादी जेल में

El Salvador: अल साल्वाडोर को अपराधी गिरोहों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए राष्ट्रपति नायब बुकेले ने गिरोहों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। देश की वयस्क आबादी का अनुमानित 2 फीसदी सलाखों के पीछे हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 15 Dec 2022 5:40 PM IST
Two percent of the adult population of El Salvador in jail
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साल्वाडोर की दो फीसदी एडल्ट आबादी जेल में। (Social Media)

El Salvador: अल साल्वाडोर ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। इस देश की दो फीसदी व्यस्क आबादी जेल में बन्द है। शायद ही किसी अन्य देश में ऐसा हो। दरअसल अल साल्वाडोर को अपराधी गिरोहों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए राष्ट्रपति नायब बुकेले ने गिरोहों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। युद्ध की घोषणा के आठ महीने बाद, देश की वयस्क आबादी का अनुमानित 2 फीसदी - या लगभग 100,000 लोग - अब सलाखों के पीछे हैं।

वारदात में गिरोहों ने दर्जनों लोगों की हत्या

इस साल राष्ट्रपति बुकेले की कार्रवाई मार्च की एक घटना के बाद शुरू हुई। उस वारदात में गिरोहों ने दर्जनों लोगों की हत्या कर दी थी। गिरोहों के खूनी खेल के चलते अल सल्वाडोर में आपातकाल लगा दिया गया और कई महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकारों में कटौती कर दी गई। राष्ट्रपति बुकेले की "आयरन फिस्ट" गैंग-विरोधी नीति के चलते देश में हत्याओं की संख्या में बहुत कमी आई है। सख्त रुख के चलते बुकेले की लोकप्रियता में जबर्दस्त उछाल आया है। गैलप द्वारा 12 लैटिन अमेरिकी देशों के अक्टूबर सर्वेक्षण में बुकेले की रेटिंग 86 फीसदी रही।

मानवाधिकारों के उल्लंघन के बावजूद बुकेले क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नेता

मानवाधिकारों के उल्लंघन के बावजूद उन्हें इस क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नेता बना दिया है। लेकिन क्षेत्रीय परिस्थितियों पर नजर रखने वालों ने चेतावनी दी है कि बुकेले की नीति की लोकप्रियता को देखते हुते क्षेत्र में उसकी नकल देखी जा सकती है। लैटिन अमेरिका के अन्य देश पहले से ही अपने स्वयं के गिरोह की समस्याओं से निपटने के लिए इसी तरह के सख्त उपाय लागू कर रहे हैं।

दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात गिरोहों का घर

अल सल्वाडोर दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात गिरोहों का घर है, जिनमें बैरियो 18 और एमएस -13 गिरोह शामिल हैं। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 1980 के दशक में सल्वाडोरन प्रवासियों के बीच एमएस-13 गिरोह उभरा था।इसमें वह लोग शामिल थे जो अल सल्वाडोर में अमेरिका द्वारा भाग में वित्त पोषित हिंसक गृहयुद्ध के बीच अपनी मातृभूमि से भाग गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरोह में अन्य मध्य अमेरिकी प्रवासी शामिल होते चले गए। 1990 के दशक में जब कई अपराधियों को अमेरिका से निकाल बाहर कर उनके मूल देशों में भेज दिया गया तो फिर उन देशों में हिंसा का विस्फोट हुआ।

देश भर में अनुमानित 70,000 सक्रिय गिरोह के सदस्य

बुकेले की कार्रवाई से पहले, देश भर में अनुमानित 70,000 सक्रिय गिरोह के सदस्य थे। इन गिरोहबाजों के चलते राजनेताओं और अधिकारियों के लिए चुनाव अभियान चलाना या गरीब इलाकों में सेवाएं प्रदान करना असम्भव हो गया था। मानवाधिकार ग्रुपों को आशंका है कि गिरोहों को जड़ से उखाड़ने के प्रयास की एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। मार्च से नवंबर 2022 के बीच 58,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जेलें ठसाठस भर गईं और सल्वाडोरियन समाज का सैन्यीकरण सामने आ गया।

पुलिस व सेना ने गरीब इलाकों को निशाना बनाने के लिए की मनमानी गिरफ्तारियां

7 दिसंबर को जारी एचआरडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्यापक मानवाधिकारों के उल्लंघन के अंतर्गत हिरासत में यातना और और पुलिस व सेना द्वारा गरीब इलाकों को निशाना बनाने के लिए मनमानी गिरफ्तारियां की गईं। पिछले एक साल में कई गिरफ्तारियां संदेहास्पद सबूतों पर आधारित बताई गई हैं। अनेकों कार्रवाईयां किसी व्यक्ति की उपस्थिति, पृष्ठभूमि या गुमनाम गुप्त सूचना और सोशल मीडिया पर अपुष्ट आरोप के आधार पर की गईं।



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Deepak Kumar

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