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UK Grooming Scandal: यूके ग्रूमिंग स्कैंडल, क्यों एलन मस्क गंभीर आरोप लगा रहे हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पर

Grooming Gang Scandal In UK: बीते कुछ समय से ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है। इस मामले में एलन मस्क दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने ब्रिटेन पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 15 Jan 2025 9:30 AM IST (Updated on: 15 Jan 2025 9:30 AM IST)
UK Grooming Scandal:
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UK Grooming Scandal:

UK Grooming Scandal: ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग (Grooming Gang In Britain) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच शुरू करने की मांग को सत्ताधारी पार्टी का समर्थन नहीं मिला। ब्रिटिश संसद में जब विधेयक में संशोधन के तहत यह प्रस्ताव रखा गया कि ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ व्यापक राष्ट्रीय जांच शुरू की जाए, तो सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया।

जानकारी के मुताबिक, केवल 111 सांसदों ने इस मांग के पक्ष में वोट दिया, जबकि 364 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। लेबर पार्टी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह बच्चों की सुरक्षा और कल्याण संबंधी विधेयक को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

लेबर पार्टी का कहना है कि यह संशोधन बच्चों की सुरक्षा और उनके कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण प्रावधानों को कमजोर कर सकता है। कई सांसदों ने चेतावनी दी है कि यदि यह संशोधन पारित हुआ, तो इससे बच्चों की शिक्षा और उनके समग्र विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

गौरतलब है कि ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में है। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, एलन मस्क (Elon Musk), इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और ब्रिटेन की पुलिस (Britain Police) की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं।

यूके (Britain) में 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' (Grooming Gang Scandal) एक गंभीर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा है, जिसमें मुख्यतः पाकिस्तानी मूल के पुरुषों पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। यह कांड कई शहरों में सामने आया है। इससे ब्रिटेन में सामाजिक ताने-बाने और आप्रवासी समुदायों पर बहस छिड़ गई है।

ग्रूमिंग गैंग क्या है (What Is Grooming Gang In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

'ग्रूमिंग गैंग' (Grooming Gang) शब्द का उपयोग उन संगठित गिरोहों के लिए किया जाता है, जो नाबालिग लड़कियों को बहलाने-फुसलाने, उपहार देने, या झूठे वादों से अपने जाल में फंसाकर उनका शारीरिक शोषण (Physical Abuse) करते हैं। इन गिरोहों की गतिविधियों में सामूहिक बलात्कार, यौन तस्करी और नाबालिगों को यौन व्यापार के लिए मजबूर करना शामिल है।

प्रमुख मामले (Grooming Gang Scandal Cases)

रॉदरहैम स्कैंडल (1997-2013): रॉदरहैम शहर में 1,400 से अधिक नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया गया। इनमें ज्यादातर पाकिस्तानी मूल के पुरुष शामिल थे। पीड़ितों को शराब, ड्रग्स और धमकियों के जरिए नियंत्रित किया जाता था। 2014 में प्रकाशित ‘जय रिपोर्ट’ ने पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की कड़ी आलोचना की, जिनकी विफलता के कारण यह स्कैंडल इतने लंबे समय तक चलता रहा।

ऑक्सफोर्ड और रोचडेल: इन इलाकों में भी कई संगठित गैंग का पर्दाफाश हुआ। पीड़ित नाबालिग लड़कियों को कारों में घुमाकर उनका यौन शोषण किया गया। रोचडेल में 2004 से 2013 के बीच 13 बच्चों के साथ सामूहिक यौन हिंसा के मामले सामने आए। 96 पुरुषों को अब भी बच्चों के लिए संभावित खतरा माना जा रहा है।

पश्चिमी इंग्लैंड के टेलफोर्ड में, एक स्वतंत्र जांच में पाया गया कि 35 वर्षों में 1,000 से अधिक लड़कियां यौन शोषण का शिकार हुईं।

पाकिस्तान एंगल और समुदाय की भूमिका (Pakistan Angle)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इन मामलों में कई आरोपियों का संबंध पाकिस्तानी और दक्षिण एशियाई मूल के आप्रवासी समुदाय से पाया गया है। इससे ब्रिटेन में नस्लीय और धार्मिक आधार पर बहस और तनाव बढ़ा है। कुछ आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तान से आई पितृसत्तात्मक संस्कृति और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव इस समस्या के मूल में है। वहीं, अन्य लोग इसे नस्लवादी तर्ज पर पूरे समुदाय को दोष देने के रूप में देखते हैं।

मुस्लिम समुदाय के संगठनों ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है और कहा है कि दोषियों को उनके धर्म और नस्ल से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

एलन मस्क और कीर स्टार्मर:- टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की आलोचना करते हुए पूछा कि रॉदरहैम स्कैंडल जैसे मामलों को रोकने में उनकी भूमिका क्या रही।मस्क ने कहा कि यह समस्या ब्रिटेन की न्याय प्रणाली और राजनीति की विफलता को उजागर करती है।

ब्रिटिश सरकार का रुख

ब्रिटिश सरकार ने इन मामलों की जांच और कार्रवाई के लिए सख्त कदम उठाने का वादा किया है। विशेष समितियां बनाई गई हैं, जो इन मामलों की जांच कर रही हैं और पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम कर रही हैं। ब्रिटेन में पहले ही "इंडिपेंडेंट इन्क्वायरी इनटू चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज़" (IICSA) आयोजित की जा चुकी है। इस जांच के तहत 15 अलग-अलग संस्थानों पर 19 रिपोर्ट जारी की गईं। इसकी अंतिम रिपोर्ट अक्टूबर, 2022 में प्रकाशित हुई।

विपक्ष और मानवाधिकार संगठन:विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वे मामले को सही से संभालने में नाकाम रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इस मुद्दे पर गहराई से जांच और पीड़ितों के पुनर्वास की मांग की है।

रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरा देश स्तब्ध था। इसने दक्षिणपंथी नेताओं को देश के ‘टू टीयर’ न्याय तंत्र पर सवाल उठाने का भी मौका दिया, जिसमें देश के जातीय अल्पसंख्यक समूहों के साथ अलग व्यवहार किया जाता है। ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने मामला बढ़ने के बाद ऑपरेशन स्टोववुड लॉन्च किया था। ब्रिटेन में अपनी तरह का यह सबसे बड़ा अभियान था। इसने रोदरहैम के तमाम गिरोहों की जांच शुरू की और अब तक करीब 30 लोगों को लंबी अवधि के जेल की सजा मिली है।

यूके ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल में कीर स्टार्मर की भूमिका

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कीर स्टार्मर 2008 से 2013 के बीच डायरेक्टर ऑफ पब्लिक प्रॉसिक्यूशन्स (DPP) और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के प्रमुख थे। इस सप्ताह उन्होंने अपने रिकॉर्ड का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे का सीधे सामना किया, ग्रूमिंग और बलात्कार के आरोपी एक गैंग के खिलाफ पहला बड़ा मुकदमा चलाया और जब उन्होंने अपना पद छोड़ा, तब बच्चों के यौन शोषण के सबसे अधिक मामले अभियोजन के लिए लाए जा रहे थे।

इस स्कैंडल की जांच में किसी भी रिपोर्ट ने स्टार्मर को दोषी नहीं ठहराया और यह भी नहीं पाया गया कि उन्होंने इस्लामोफोबिया के आरोपों के चलते मुकदमों को रोकने की कोशिश की थी।

मौजूदा स्थिति और बहस

कई गिरोहों को जेल की सजा दी गई है। लेकिन अभी भी कई मामले लंबित हैं। इस मामले ने ब्रिटिश मीडिया और सामाजिक मंचों पर गर्मागर्म बहस छेड़ दी है। खासकर आप्रवासी समुदायों और ब्रिटिश मूल के लोगों के बीच आपसी समझ की कमी उजागर हुई है। नए कानून लाने की बात हो रही है, ताकि यौन शोषण के ऐसे मामलों को तेजी से निपटाया जा सके। समाज में जागरूकता अभियान भी शुरू किए जा रहे हैं।

यूके ग्रूमिंग गैंग्स स्कैंडल ने देश में यौन शोषण के मामलों के प्रति सरकारी और संस्थागत विफलताओं को उजागर किया। एलन मस्क और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच चल रहा विवाद इस मुद्दे को और भी बढ़ा रहा है। जहां एक ओर मस्क इसे न्यायिक और राजनीतिक विफलता के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्टार्मर अपनी पिछली भूमिका और वर्तमान सरकार के रुख का बचाव कर रहे हैं।



Shreya

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