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Ukraine Latest News: यूक्रेन यानी सस्ते में डॉक्टरी की डिग्री और यूरोप में बसने का जुगाड़

Ukraine Latest News: 'स्टडी इन यूक्रेन' वेबसाइट के मुताबिक, बड़ी संख्या में छात्र इसलिए यूक्रेन आते हैं क्योंकि वहां मेडिकल की पढ़ाई करना सस्ता पड़ता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 26 Feb 2022 8:59 AM IST
Ukraine Latest News: यूक्रेन यानी सस्ते में डॉक्टरी की डिग्री और यूरोप में बसने का जुगाड़
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डॉक्टर्स (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Ukraine Latest News: यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों (Indians In Ukraine) को वापस लाने की चिंता और कवायद चल रही है। अभी तक बहुत से लोग जानते भी नहीं होंगे कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स (Indian Students In Ukraine News) वहां पर रहते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि भारत के छात्र यूक्रेन में अध्ययन क्यों करते हैं और यूक्रेन उन्हें कैसे स्वीकार करता है?

'स्टडी इन यूक्रेन' वेबसाइट के मुताबिक, बड़ी संख्या में छात्र इसलिए यूक्रेन आते हैं क्योंकि वहां मेडिकल की पढ़ाई (Medical Studies In Ukrain) करना सस्ता पड़ता है। यूक्रेन की डिग्री को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपीय परिषद और अन्य वैश्विक निकायों सहित दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, यूक्रेन में पढ़ाई पूरी होने के बाद यूरोप में स्थायी निवास और बसने की भी संभावना रहती है। डॉक्टरी के अलावा कुछ भारतीय छात्र यूक्रेन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई (Engineering Studies) के लिए भी जाते हैं।

छात्र (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

यूक्रेन में 18 हजार भारतीय छात्र

यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक हैं और उनमें से 18,000 छात्र हैं। वे यूक्रेन में पढ़ने वाले लगभग 76,000 विदेशी छात्रों में से सबसे बड़े समूह हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से, लगभग 4,000 भारतीय यूक्रेन से चले गए लेकिन 16,000 अभी भी फंसे हुए हैं।

यूक्रेन में एमबीबीएस 6 साल का होता है और पढ़ाई का खर्च 16 से 25 लाख के बीच आता है। विदेशी छात्रों को प्रवेश आउटसोर्स किया जाता है और ये काम एजेंटों या ठेकेदारों द्वारा किया जाता है। वही लोग विश्वविद्यालय से निमंत्रण पत्र, वीज़ा और बाकी सब इंतजाम करते हैं। ठेकेदार ही सीधे विश्वविद्यालय से प्रवेश दिलाते हैं। यूक्रेन में भारतीयों के अलावा पाकिस्तान और अफ्रीका से भी ढेरों छात्र पढ़ने आते हैं। बहुत से युवक पढ़ाई पूरी करने के बाद यूरोप के अन्य देशों में बसने या कम करने की जुगत लगाते हैं।

कोरा और रेडिट जैसे प्लेटफार्मों पर यूक्रेनी पढ़ाई (Ukrainian Studies) की एक अलग तस्वीर भी नजर आती है। कई लोगों का कहना है कि यूक्रेन में मेडिकल की डिग्री बहुत आसानी से मिल जाती है लेकिन मेडिकल का ज्ञान लगभग शून्य होता है। आरोप है कि वहां प्रैक्टिकल होते ही नहीं हैं, जुगाड़ से परीक्षा पास की जा सकती है और सिर्फ रटने पर जोर रहता है।

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