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Problem Of Intruders: घुसपैठियों से निपटने का नायाब तरीका, हजारों किलोमीटर दूर दूसरे देश में भेज दो
Problem Of Intruders: घुसपैठियों की समस्या कई देशों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन गई है। यूरोप (Europe) और अमेरिका में घुसपैठ का एक तरीका अपने को शरणार्थी के रूप में पेश करना है।
Problem Of Intruders: अवैध इमिग्रेंट्स यानी सीधे शब्दों में कहें तो घुसपैठियों की समस्या (problem of Intruders) कई देशों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन गई है। यूरोप (Europe) और अमेरिका में घुसपैठ (infiltration into America) का एक तरीका अपने को शरणार्थी के रूप में पेश करना है। ऐसे लोग ये कह कर शरण मांगते हैं कि उनके देश में उनपर जुल्म ढाए जाते हैं, मानवाधिकार (Human Rights) हनन होता है।
इससे निपटने के लिए यूनाइटेड किंगडम ने नायाब उपाय निकाला है - घुसपैठियों को किसी दूर देश में भेज देने का। इस क्रम में यूके और पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा में एक डील हुई है। जिसके तहत यूके सरकार "रवांडा के आर्थिक विकास और विकास में 15 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी और साथ ही शरण मांगने वालों के आवास और समाज में उनके एकीकरण के लिए होने वाले खर्च की भरपाई करेगी। इस सौदे का वर्णन दोनों सरकारों द्वारा "माइग्रेशन एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट पार्टनरशिप" के रूप में किया गया है। रवांडा कॉमनवेल्थ का सदस्य देश है।
"शरण साझेदारी व्यवस्था" के लिए यूके और रवांडा सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते में कहा गया है कि यह डील पांच साल तक चलेगी और चौथे वर्ष के दौरान इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।
मानव तस्करों को संदेश (message to human traffickers)
यूनाइटेड किंगडम सरकार का कहना है कि घुसपैठियों को 6500 किलोमीटर दूर दूसरे महाद्वीप स्थित देश में भेजने के साथ मानव तस्करों और संभावित घुसपैठियों को साफ संदेश मिलेगा कि घुसपैठ का क्या नतीजा होगा।
पहली फ्लाइट
अवैध इमिग्रेंट्स को निकाला न जाये, इसके लिए कई संगठनों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया और हाईकोर्ट में गुहार तक लगाई। लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार की योजना को सही ठहराते हुए रवांडा के लिए जाने वाली पहली फ्लाइट को हरी झंडी दे दी। अगले मंगलवार को ब्रिटेन से रवांडा के लिए इन घुसपैठियों को लेकर पहली फ्लाइट जाएगी। लगभग 31 लोगों को बताया गया है कि वे पहली उड़ान पर हो सकते हैं।
अपने फैसले में, न्यायाधीश स्विफ्ट ने स्वीकार किया कि गृह सचिव प्रीति पटेल में एक सार्वजनिक हित का निर्णय किया है, जो अपनी नीतियों को पूरा करने में सक्षम है। पटेल ने उनके फैसले की प्रशंसा की और कहा कि सरकार अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ेगी। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फैसले का स्वागत किया है।
सरकार को उम्मीद है कि यह योजना शरण चाहने वालों को इंग्लिश चैनल को पार करने से हतोत्साहित करेगी। इस साल अब तक 10,000 से अधिक लोगों ने यूके में घुसने के लिए खतरनाक समुद्री यात्रा की है।
जो लोग रवांडा भेजे जाएंगे वे रवांडा में रहने और वहां शरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे लोगों को आवास और जीवन यापन समर्थन दिया जाएगा। उनकी शरण अर्जियां यदि स्वीकार हो जाती हैं तो वे रवांडा में रह सकेंगे तथा सरकार की ओर से पांच साल तक शिक्षा और जीवन यापन सपोर्ट दिया जाएगा।
जिन लोगों की रवांडा में शरण मांगने की अर्जी अस्वीकार हो जाती है तो यदि वे देश में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें अन्य आव्रजन मार्गों के तहत वीजा के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। लेकिन फिर भी उनको कभी भी देश से बाहर निकाला जा सकता है।
इस बीच रवांडा की राजधानी किगली में होटल आदि तैयार हैं जहां यूके से भेजे गए लोग रखे जाएंगे।