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लाहौर में फिर सामने आई नफरत की तस्वीर, महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को किया खंडित, TLP पर आरोप
लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को कुछ नफरतगर्दों ने एक बार फिर तोड़ा है। कहा जा रहा है कि यह हमला देश में प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक कट्टर इस्लामिक संगठन ने किया है।
Maharaja Ranjit Singh statue destroyed in Lahore: पाकिस्तान का भारत के प्रति दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है, आए दिन पाकिस्तानियों की दुश्मनी के उदाहरण देखने को मिलते रहते हैं। इसी तरह एक बार फिर नफरत का एक उदाहरण पाकिस्तान के लाहौर में देखने मिला है। जहां भारतीय इतिहास से जुड़े प्रतीक को तोड़ दिया गया। लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को कुछ नफरतगर्दों ने एक बार फिर तोड़ा है। कहा जा रहा है कि यह हमला देश में प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक कट्टर इस्लामिक संगठन ने किया है। लाहौर में तोड़ी गई महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति, TLP से जुड़े शख्स पर आरोप है।
लाहौर किले पर बनी इस प्रतिमा का अनावरण जून 2019 में किया गया था. इस मूर्ति पर किया गया है तीसरा हमला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमला TLP के लोगों ने किया है। हालांकि, उनकी पहचान अभी सामने नहीं आई है। सामने आए सोशल मीडिया वीडियोज में दिखाया गया है कि संदिग्ध हमलावर ने हाथ से ही मूर्ति पर हमला किया और इसके पैर और दूसरे हिस्से तोड़ दिए। हालांकि, जब तक वह ज्यादा नुकसान पहुंचाता, दूसरे लोग आ गए और उसे रोक दिया गया।
TLP से जुड़ा है आरोपी
हमलावर ने रणजीत सिंह के खिलाफ नारे भी लगाए। कांस्य से बनी इस 9 फीट की मूर्ति में रणजीत सिंह घोड़े पर बैठे हैं और उनके हाथ में तलवार है। वह सिखों के परिधान में बैठे दिखते हैं। इस मूर्ति को जून 2019 में लगाया गया था। मूर्ति तोड़ने वाला ये शख्स तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ा है. तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान यानी TLP पाकिस्तान की एक पॉलिटिकल पार्टी है. ये घोर इस्लामिक पार्टी के तौर पर अपनी पहचान रखती है. 2015 में इस पार्टी का गठन हुआ था, जिसे इसी साल अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया गया.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि पंजाब प्रान्त की पुलिस ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तोड़ने वाले कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक के सदस्य रिजवान को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.
पहले भी हो चुका है हमला
बता दें इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी एक शख्स ने मूर्ति पर हमला किया था। उसने मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था। वह और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। उसे भी लोगों ने पकड़ लिया था। इसके अलावा एक बार और भीड़ ने मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।