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कनाडा के बाद अब अमेरिका में भी बच्चों को लगेगी कोरोना वैक्सीन, एफडीए ने दी मंजूरी
कनाडा के बाद अमेरिका में भी बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी गई है।
नई दिल्ली: कनाडा (Canada) के बाद अमेरिका (America) में भी बच्चों को कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने की मंजूरी दे दी गई है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-biontech) की कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के 12 से 15 साल के बच्चों में आपातकालीन इस्तेमाल (Emergency use) की मंजूरी दे दी है। दुनिया के कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अब बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका जताई है और यही कारण है कि दुनिया के कई देशों की सरकारों और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
यही कारण है कि अमेरिका में अब 12 से 15 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल का रास्ता साफ कर दिया गया है। कनाडा ने पांच दिन पूर्व ही 12 साल से 15 साल के बच्चों के लिए इस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।
एफडीए के कार्यकारी आयुक्त डॉ जेनेट वुडकॉक (Dr. Janet Woodcock) ने कहा कि वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर काफी सोच समझकर फैसला लिया गया है क्योंकि यह हमें सामान्य स्थिति में लौटने में पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हर माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चे को लेकर चिंतित और परेशान दिख रहा है मगर अब एफडीए की ओर से मंजूरी दिए जाने के बाद वे बच्चों को लेकर भी आश्वस्त हो सकते हैं।
गहन समीक्षा के बाद लिया गया फैसला
उन्होंने कहा कि एफडीए ने सभी उपलब्ध डेटा की गहन समीक्षा करने के बाद ही 12 से 15 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में इसे महत्वपूर्ण फैसला बताया।
फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन का इस्तेमाल इस समय दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है। अमेरिका में इस वैक्सीन को 16 साल या उससे अधिक उम्र वाले लोगों के लिए पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। अब इसे 12 से 15 साल के बच्चों के लिए भी पूरी तरह उपयुक्त पाया गया है।
फाइजर ने मार्च में ही किया था परीक्षण
दरअसल अमेरिका में बुजुर्गों और वयस्कों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद अब हर किसी की चिंता अपने बच्चों को लेकर है। दुनिया के विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अब यह वायरस बच्चों को भी शिकार बना सकता है।
फाइजर ने मार्च में ही 12 से 15 साल के 2260 वालॉन्टियर्स पर वैक्सीन का परीक्षण किया था। कंपनी का कहना है कि टेस्ट में पाया गया कि वैक्सीनेशन के बाद इन बच्चों में कोरोना के इंफेक्शन का कोई केस नहीं दर्ज किया गया। कंपनी ने बच्चों के लिए भी वैक्सीन के 100 फ़ीसदी असरदार होने का दावा किया है।
कनाडा पहले ही दे चुका है मंजूरी
अमेरिका से पहले कनाडा ने फाइजर की वैक्सीन को 12 से 15 आयु वर्ग के बच्चों को लगाने की अनुमति दे दी थी। 12 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने वाला कनाडा दुनिया का पहला देश है। इससे पहले 16 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही टीका लगाने की अनुमति थी।
बच्चों के लिए वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित
इस बाबत हेल्थ कनाडा में मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ सुप्रिया शर्मा का कहना था कि कनाडा सरकार के इस फैसले से बच्चों को सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बाबत सबूतों और अध्ययन से पता चलता है कि इस आयु वर्ग के लिए भी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को वैक्सीन लगाना कनाडा की योजना का हमेशा है। शर्मा ने कहा कि कोविड-19 से ज्यादातर बच्चों को गंभीर बीमारी महसूस नहीं हुई है। ऐसे में वैक्सीन लगाने से बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों को भी काफी सुरक्षा महसूस होगी।