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US Election 2024 : बिडेन की कमाई, कमला हैरिस ने गंवाई
US Election 2024 : 2020 के अमेरिकी चुनाव में जो बिडेन ने जो भी उपलब्धि हासिल की थी वो सब 2024 की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी कमला हैरिस ने गंवा दी।
US Election 2024 : 2020 के अमेरिकी चुनाव में जो बिडेन ने जो भी उपलब्धि हासिल की थी वो सब 2024 की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी कमला हैरिस ने गंवा दी। इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की कमला हैरिस पर जीत बहुत बड़ी रही है। कमला हैरिस का प्रदर्शन इतना निराशाजनक रहा कि वह निवर्तमान राष्ट्रपति जो बिडेन के कद तक भी नहीं पहुंच पाया।
डेमोक्रेट्स के लिए 5 नवम्बर की रात यह स्पष्ट हो गया कि कमला हैरिस काउंटी दर काउंटी, राज्य दर राज्य में पिछड़ रही थीं। 2020 में बिडेन की जीत के अंतर से कमला के पक्ष में काफी कम मतदान हुआ, जबकि ट्रम्प ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने वोटों की संख्या बढ़ा दी। हैरिस देश भर में 1000 से अधिक काउंटियों में बिडेन के टैली से 3 प्रतिशत कम रहीं। कहीं कहीं तो इससे भी ज्यादा अंतर रहा है।
हैरिस का निराशाजनक प्रदर्शन न्यूयॉर्क सिटी से ज़्यादा कहीं और नहीं दिखा, जो कि एक मज़बूत डेमोक्रेटिक गढ़ है। हालाँकि हैरिस ने न्यूयॉर्क राज्य और उसके 29 इलेक्टोरल वोट को 12 प्रतिशत से आसानी से जीत लिया, लेकिन उनकी जीत का अंतर 2020 में बिडेन द्वारा ट्रम्प पर जीते गए 23 प्रतिशत के अंतर से आधा रह गया। न्यूयॉर्क सिटी के पाँच सेक्टरों में से सबसे लिबरल मैनहट्टन में, जहाँ बिडेन ने 2020 में 86-12 से जीत हासिल की थी, कमला हैरिस की जीत का अंतर 63-35 था।
यही हाल कई शहरों और राज्यों में दोहराया गया। न्यू जर्सी में, 2020 में बिडेन की 16 अंकों की जीत को हैरिस के लिए 5 अंकों की जीत में बदल दिया गया। वाशिंगटन डीसी के दक्षिण में वर्जीनिया में, एक राज्य जिसे बिडेन ने 2020 में 10 अंकों से जीता था, हैरिस ने केवल 5 अंकों से जीत हासिल की।
पॉपुलर वोट में भी तगड़ी शिकस्त
अभी वोटों की गिनती खत्म नहीं हुई है लेकिन अब तक ट्रम्प को 7 करोड़ 10 लाख वोट मिल चुके हैं जबकि हैरिस को 6 करोड़ 60 लाख वोट मिले हैं। जितने वोट पड़े हैं उनमें से ट्रम्प को 51 प्रतिशत वोट मिले हैं।
2020 में बिडेन को 8 करोड़ से अधिक वोट मिले, जिसके कारण ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि ऐसा आँकड़ा असंभव है और बहुत अधिक मतदाता धोखाधड़ी हुई है।
करीबी मुकाबले में फिसड्डी
हैरिस का खराब प्रदर्शन करीबी मुकाबले वाले यानी युद्ध के मैदान वाले राज्यों में रहा। उदाहरण के लिए, पेंसिल्वेनिया में उनसे अपेक्षा की जा रही थी कि वे राज्य के फिलाडेल्फिया और पिट्सबर्ग जैसे उपनगरीय और शहरी केंद्रों में 85 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करके 50+ ग्रामीण काउंटियों से ट्रम्प की अपेक्षित बढ़त को मिटा देंगी। लेकिन हुआ उल्टा। हैरिस को डेमोक्रेट्स के गढ़ कहे जाने वाले शहरी क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से कम वोट मिले। अश्वेत और हिस्पैनिक पुरुष मतदाता बड़ी संख्या में ट्रम्प के साथ चले गए, जाहिर तौर पर आर्थिक, सांस्कृतिक और लैंगिक कारणों से। दूसरी ओर ट्रम्प ने अपने श्वेत ग्रामीण वोटों की संख्या बढ़ा दी।
इन्हीं वजहों के कारण हैरिस को जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन जैसे युद्ध के मैदानों में हार का सामना करना पड़ा। उपनगरीय और शहरी केंद्रों में अल्पसंख्यक पुरुष मतदाताओं ने हैरिस के लिए उतना काम नहीं किया जितना उन्होंने बिडेन के लिए किया था। इन राज्यों में बड़ी संख्या में श्वेत पुरुष ग्रामीण मतदाताओं ने ट्रम्प को चुना। ऐसा करके, उन्होंने ट्रम्प पर लगे सभी आरोपों को प्रभावी रूप से खारिज कर दिया। जनता ने अमेरिका की महानता को बहाल करने और अवैध अप्रवासियों के प्रवाह को रोकने के ट्रम्प के वादे को तरजीह दी। यहां तक कि शहरी मतदाता भी अप्रवासियों के लिए सरकार की उदारता से थक गए थे।