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US Report on India: चीन और पाक के उकसावे की कार्रवाई का भारत पहले के मुकाबले अधिक सख्ती से देगा जवाब, अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में दावा
US Report on India: सुपरपॉवर अमेरिका ने इस रीजन में लगातार पनप रहे तनाव को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट जारी किया है। अमेरिकी संसद में पेश इस रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा दावा किया गया है।
US Report on India: चीन-पाक से भारत का तनाव जगजाहिर है। भारत अपने इन दोनों शत्रु पड़ोसियों से भीषण जंग लड़ चुका है और आज भी सीमा पर कमोबेश हालात अस्थिर हैं। इन दोनों देशों के साथ भारत के रिश्ते एकबार फिर नाजुक स्थिति में हैं। इन तीनों देशों की शत्रुता पर दुनिया की पैनी नजर रहती है, क्योंकि तीनों परमाणु शक्ति संपन्न हैं। ऐसे में भारतीय महाद्वीप में युद्ध की एक चिंगारी दुनिया के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है।
सुपरपॉवर अमेरिका ने इस रीजन में लगातार पनप रहे तनाव को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट जारी किया है। अमेरिकी संसद में पेश इस रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में दुनिया के इस हिस्से में तनाव और बढ़ने को देख मिल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत चीन और पाकिस्तान के किसी भी उकसावे वाले हरकत का सैन्य भाषा में कठोर जवाब दे सकता है।
भारत-चीन तनाव को लेकर चिंतित अमेरिका
अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी के वार्षिक खतरा आकलन रिपोर्ट में भारत – चीन के बीच लगातार बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जाहिर की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश बातचीत के जरिए सीमा विवाद को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बरकरार रहेगा। रिपोर्ट में साल 2020 में हुए गलवान संघर्ष को सबसे खतरनाक बताया गया है। साथ ही यह आशंका भी जाहिर की गई है कि सीमा पर लगातार हो रही छोटी-मोटी हिंसक झड़पें कभी भी किसी बड़े संघर्ष का रूप अख्तियार कर सकती हैं।
यूएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति अमेरिका और उसके लोगों के लिए बड़ा खतरा है। इसलिए दोनों परमाणु शक्ति संपन्न मुल्कों के बीच तनाव को कम करने के लिए अमेरिका को दखल देना चाहिए।
कश्मीर के कारण भारत – पाक के रिश्तों में तनाव
यूएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भारत-पाक के बीच जारी तनाव का जिक्र भी किया गया है। दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव के लिए कश्मीर मुद्दे को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का भारत विरोधी तत्वों को प्रश्रय देने का एक इतिहास रहा है। ऐसे में अगर सीमा पार से किसी भी तरह की भड़काऊ हरकत होती है तो पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का इसका कड़ा जवाब देगा।
2021 में लाइन ऑफ कंट्रोल पर हुए सीजफायर के समझौते का जिक्र करते हुए कहा गया कि दोनों देश संबंधों में शांति कायम रखना चाहते हैं। साथ ही रिपोर्ट में इस बात को लेकर भी आशंका जताया गया है कि अगर दोनों देशों के बीच तनाव के कारण कश्मीर में हिंसा और भारत में आतंकी हमला होता है तो दोनों देशो के बीच स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।
वर्तमान में चीन और पाकिस्तान के साथ कैसे हैं संबंध ?
गलवान संघर्ष के बाद से भारत और चीन के संबंधों में लंबे समय बाद भारी गिरावट आई है। दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई इतनी बढ़ गई है कि निकट भविष्य में रिश्ते सामान्य होने के आसार काफी कम हैं। सीमा विवाद को लेकर जारी वार्ता में चीन के अड़ियल रूख के कारण बातचीत बेनतीजा साबित हो रही है। ड्रैगन ने अरूणाचल के तवांग में भी घुसपैठ की कोशिश की, जिसे वहां मौजूद भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया था।
वहीं, पश्चिमी सीमा पर सीजफायर एग्रीमेंट के कारण पिछले दो सालों से कुछ शांति है। लेकिन पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। पहले पुलवामा आतंकी हमला और फिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के बाद से दोनों देशों के संबंध ठंडे पड़े हैं। दोनों देश कश्मीर मसले पर अपने – अपने मुल्क की राजनीति के हिसाब से स्टैंड लेना चाहते हैं, जिसके कारण गतिरोध टूटता नजर नहीं आ रहा है।