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...तो WHO से दोबारा जुड़ सकता है अमेरिका! रखी गई ये शर्त

अमेरिका ने WHO से मतभेद खत्म करने के संकेत दिए हैं। हालंकि इसके लिए अमेरिका ने कुछ शर्ते भी रखी है। अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया कि संस्था से जुड़ने पर देश विचार कर सकता है लेकिन...

Shivani Awasthi
Published on: 1 Jun 2020 5:29 AM GMT
...तो WHO से दोबारा जुड़ सकता है अमेरिका! रखी गई ये शर्त
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर चीन का संरक्षण करने के आरोप में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर हमलावर है। WHO को दी जाने वाली फंडिंग रोकने की धमकी देने समेत संस्था से रिश्ते खत्म करने तक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बड़े एलान किये। वहीं अब दोबारा WHO से जुड़ने को लेकर वाइट हाउस की ओर से बयान जारी हुआ है। जिसमें कहा गया कि इस मामले में विचार किया जा रहा है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तोड़े थे WHO से रिश्ते

दरअसल, अमेरिका ने हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का एलान किया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि WHO पर चीन का कब्जा है। ऐसे में संस्था से जुड़े नहीं रह सकते। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि WHO बदलाव की प्रक्रियाशुरू करने में नाकाम रहा है।

WHO पर चीन के कंट्रोल का लगाया था ट्रम्प ने आरोप

ट्रम्प ने ये भी बताया कि चीन WHO को साल भर में 40 मिलियन डॉलर का अनुदान देकर अपने नियंत्रण में रखता है तो वहीं अमेरिका हर साल स्वास्थ्य संगठन को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है। उन्होंने कहा कि इसके पहले WHO से सुधर को लेकर सिफारिशें की गयी लेकिन संगठन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और सुधार के लिए किसी भी सुझाव को नहीं माना। इसी वजह से अमेरीका WHO के साथ अपने रिश्ते तोड़ रहा है।

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यूरोपीय यूनियन ने की थी अमेरिका से WHO की फंडिंग न रोकने की अपील

हालांकि बाद में यूरोपीय यूनियन ने अमेरिका से WHO की फंडिंग न रोकने की अपील की थी। वहीँ अंतराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और मिलकर महामारी से लड़ने का सुझाव दिया था।

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वाइट हाउस ने दिए WHO से मतभेद खत्म करने के संकेत

इसी कड़ी में अब अमेरिका ने WHO से मतभेद खत्म करने के संकेत दिए हैं। हालंकि इसके लिए अमेरिका ने कुछ शर्ते भी रखी है। अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया कि संस्था से जुड़ने पर देश विचार कर सकता है लेकिन इसके लिए WHO को कुछ शर्ते माननी पड़ेगी। इसमे संगठन से चीन की निर्भरता और भ्रष्टाचार खत्म शामिल है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलाने को लेकर चीन का संरक्षण करने को लेकर WHO की लगातार अमेरिका निंदा कर रहा है। इसके पहले ट्रम्प ने WHO की फंडिंग रोकने की भी धमकी दी थी।

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Shivani Awasthi

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