America News: ट्रम्प खत्म करेंगे जन्मजात नागरिकता का अधिकार, लाखों भारतीयों के सपने होंगे चकनाचूर

America News: अमेरिका में कई भारतीय माता-पिता यह सोचते हैं कि भले ही वे अधर में रहें, लेकिन उनके अमेरिका में जन्मे बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता के जरिये फायदा मिल जाएगा। ऐसे में ट्रम्प का प्रस्तावित कदम बहुत से से लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर देगा।

Neel Mani Lal
Published on: 7 Nov 2024 11:03 AM GMT
Trump ends. Will deny the right to birthright citizenship, dreams of millions of Indians will be shattered
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ट्रम्प खत्म करेंगे जन्मजात नागरिकता का अधिकार, लाखों भारतीयों के सपने होंगे चकनाचूर: Photo- Social Media

America News: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने वादा किया है कि वह अपने कार्यालय के पहले दिन ही एक आदेश जारी करके जन्मसिद्ध नागरिकता (Citizenship by birth) का अधिकार खत्म कर देंगे। अमेरिका (USA) में जन्म लेने वाले हर बच्चे को स्वतः अमेरिका की नागरिकता मिल जाती है, इसे जन्मसिद्ध अधिकार कहा गया है।

ट्रम्प Trump ने अपने चुनाव अभियान में वादा किया था कि वह व्हाइट हाउस (White House) में अपने कामकाज के पहले दिन इस जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को ख़त्म करने का एग्जीक्यूटिव आर्डर (Executive order) जारी कर देंगे। इस कदम से अमेरिका में जन्मे बच्चों को स्वतः नागरिकता नहीं मिलेगी, बशर्ते उसके माँ-बाप में से कोई एक अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी न हो। ट्रम्प के चुनावी अभियान (Campaign) की वेबसाइट में इस बात का उल्लेख किया गया है।

क्या है ड्राफ्ट आदेश?

ट्रम्प के इस उपाय का उद्देश्य अवैध इमिग्रेंट्स (Illegal Immigrants) के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता को रोकना है, लेकिन इसके निहितार्थ इससे कहीं आगे तक जाते हैं। ट्रम्प के चुनावी अभियान की वेबसाइट में दिए मसौदा कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि संघीय एजेंसियों (Federal Agencies) को बच्चे को स्वतः नागरिकता प्रदान करने के लिए माता-पिता की नागरिकता या स्थायी निवास का प्रमाण चाहिए होगा।

मसौदा कार्यकारी आदेश में लिखा है – ‘यह संघीय एजेंसियों को यह निर्देश देगा कि वे अपने भविष्य के बच्चों के स्वतः अमेरिकी नागरिक बनने के लिए कम से कम एक माता-पिता को अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी होने की अर्हता रखें।" इस मसले पर इमिग्रेशन वकीलों का तर्क है कि कार्यकारी आदेश की व्याख्या संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन करती है, जिसमें कहा गया है कि "संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति, संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) और उस राज्य के नागरिक हैं, जहाँ वे रहते हैं।"

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भारतीयों के लिए दिक्कत

प्रस्तावित नीति ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के भीतर चिंता पैदा कर दी है। हजारों लोग, विशेष रूप से एच-1बी वीजा (H1B) पर अमेरिका आए भारतीय नागरिक लोग ग्रीन कार्ड (Green Card) की लम्बी वेटिंग लिस्ट में पड़े हुए हैं। रोज़गार-आधारित ग्रीन कार्ड की सालाना लिमिट 1,40,000 है, जिसमें प्रति देश सात प्रतिशत की सीमा है। इसके चलते ग्रीन कार्ड के लिए अनुमानित प्रतीक्षा अवधि 54 से 134 वर्ष के बीच है, जिसका मतलब है कि हज़ारों भारतीय आवेदकों को अपने जीवनकाल में ग्रीन कार्ड मिलना मुमकिन ही नहीं है।

जन्मसिद्ध नागरिकता का नुकसान इन चुनौतियों को और भी बढ़ा देगा। अमेरिका में कई भारतीय माता-पिता यह सोचते हैं कि भले ही वे अधर में रहें, लेकिन उनके अमेरिका में जन्मे बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता के जरिये फायदा मिल जाएगा। ऐसे में ट्रम्प का प्रस्तावित कदम बहुत से से लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर देगा।

अमेरिका (USA) में जन्मसिद्ध नागरिकता का बहुत से लोग गलत फायदा भी उठाते हैं। अनेक कपल या सिंगल महिला इस प्लानिंग से किसी भी तरह अमेरिका पहुँचते हैं कि वहां पर ही उनका बच्चा पैदा हो।

Photo- Social Media

बहरहाल, कार्यकारी आदेश के पारित होने से अमेरिका में भारतीय समुदाय पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 48 लाख भारतीय अमेरिकी रहते हैं, जिनमें से लगभग 16 लाख अमेरिका में पैदा हुए हैं। यदि नीति लागू हो जाती है, तो अमेरिकी नागरिकता या ग्रीन कार्ड के बिना भारतीय माता-पिता से पैदा हुए बच्चे स्वतः नागरिकता खो देंगे, जिससे इस समुदाय के सामने अनिश्चितता बढ़ जाएगी।

ट्रम्प (Trump) इस नीति को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इतना तय है कि इसे अदालतों में चुनौती दी जायेगी और संविधान का तर्क दिया जाएगा, सो इमिग्रेशन समर्थक और विरोधियों के बीच आने वाले समय में टकराव होगा।

Shashi kant gautam

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