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US Presidential Election: भारतीय मूल के लोगों का समर्थन पाने के लिए जबर्दस्त होड़,मिशिगन में ट्रंप का बढ़ा समर्थन

US Presidential Election: अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की आबादी दो फ़ीसदी से भी कम है मगर इस चुनाव में ट्रंप और हैरिस दोनों ने भारतीय मूल के लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

Anshuman Tiwari
Published on: 3 Nov 2024 11:28 AM IST (Updated on: 3 Nov 2024 12:44 PM IST)
US Presidential Election: भारतीय मूल के लोगों का समर्थन पाने के लिए जबर्दस्त होड़,मिशिगन में ट्रंप का बढ़ा समर्थन
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  Donald Trump Kamala Harris  (PHOTO: Social media )

US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने पूरी ताकत लगा दी है। दोनों नेताओं की ओर से व्हाइट हाउस पर काबिज होने के लिए देशवासियों से भावुक अपील की जा रही है। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क है। इसलिए यहां के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं।

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की आबादी दो फ़ीसदी से भी कम है मगर इस चुनाव में ट्रंप और हैरिस दोनों ने भारतीय मूल के लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। भारतीय मूल के मतदाता राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा असर डालने वाले साबित होंगे। इस बीच मिशिगन से ट्रंप के लिए अच्छी खबर सामने आई है। यहां पर डेमोक्रेटिक पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक अब रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में स्विंग हो रहा है।

पांच नवंबर को बैलट पेपर से होगा चुनाव

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल पर होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग का दिन पहले से ही तय है। अमेरिकी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नवंबर के पहले मंगलवार को मतदान कराया जाता है। इस बार नवंबर का पहला मंगलवार 5 नवंबर को पड़ रहा है। इसलिए राष्ट्रपति चुनाव के लिए 5 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग करते हैं। 18 साल से अधिक उम्र वाला हर अमेरिकी मतदान में हिस्सा लेने का हकदार है। अमेरिकी संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति सिर्फ दो बार अमेरिका का राष्ट्रपति रह सकता है। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप इस बार फिर दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं। 5 नवंबर को मतदान होने के बाद अमेरिका का नया राष्ट्रपति अगले साल 20 जनवरी को शपथ लेगा।

भारतीय मूल का समर्थन पाने की कोशिश

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में तमाम समीकरणों के साथ ही भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं। भारतीय मूल के मतदाताओं के समर्थन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। ट्रंप ने भारतीय मूल के मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए दीपावली के मौके पर बड़ा संदेश जारी किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताते हुए भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने का ऐलान किया था।

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ की गई बर्बर हिंसा पर भी कड़ा विरोध हो जताया था। इससे पहले भी ट्रंप भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं। इधर उनकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार कमला हैरिस भी अपनी मां के भारतीय मूल का होने का उल्लेख करके भारतीय मूल के मतदाताओं पर डोरे डाल रही हैं।

चुनाव में बड़ा असर डालेंगे भारतीय मूल के मतदाता

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की आबादी दो फ़ीसदी से भी कम है। भारतीय मूल के लोगों की वार्षिक घरेलू आय करीब 1.3 करोड़ रुपए है जो पूरे देश की वार्षिक आय से दोगुनी से भी ज्यादा है। इस तरह आर्थिक नजरिए से भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक काफी मजबूत स्थिति में है।

अमेरिका में भारतीय समुदाय की कुल आबादी करीब 52 लाख है। यह अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समुदाय है। इससे ज्यादा संख्या सिर्फ मैक्सिकन अमेरिकी समुदाय की ही है। ऐसे में भारतीय समुदाय के लोगों का समर्थन बड़ा असर डालने वाला साबित हो सकता है।

मिशिगन में बढ़ रहा ट्रंप का समर्थन

राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग से पहले डोनाल्ड ट्रंप के लिए अच्छी खबर यह है कि मिशिगन में उनका समर्थन बढ़ रहा है। मिशिगन में रहने वाले भारतवंशी, मुस्लिम और अफ्रीकी परंपरागत रूप से अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करते रहे हैं मगर अब वे रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में शिफ्ट हो रहे हैं। इस बदलाव का चुनाव में बड़ा असर देखने की संभावना जताई जाने लगी है।

चुनाव के आखिरी दिनों में ट्रंप और कमला हैरिस ने पूरी ताकत लगा दी है। हैरिस ने अपने समर्थकों से कहा कि अमेरिका में अब नए अध्याय की शुरुआत का समय आ गया है। अब अमेरिका में नेतृत्व की नई पीढ़ी को सामने लाने की जरूरत है। दूसरी ओर ट्रंप ने देश में शांति और समृद्धि के नए युग की शुरुआत का वादा किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सुनहरे दिन लौटेंगे और अमेरिका एक बार फिर पूरी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।



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Ragini Sinha

Ragini Sinha

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