×

Mumbai Blasts: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, आखिरी लड़ाई हारा आतंकी

Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी कोर्ट से उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल गई है।

Network
Newstrack Network
Published on: 25 Jan 2025 9:36 AM IST (Updated on: 25 Jan 2025 9:58 AM IST)
Mumbai Blasts: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, आखिरी लड़ाई हारा आतंकी
X

Tahawwur Rana: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। भारत लंबे समय से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, क्योंकि वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में भारत में वांछित है। निचली अदालतों में कानूनी लड़ाई हारने के बाद राणा ने भारत को अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक मुंबई में महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया और लोगों की हत्या की।

अब भारत को प्रत्यर्पित न किए जाने का आखिरी कानूनी मौका अब राणा के हाथ से निकल गया है। 16 दिसंबर को, अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज करने का आग्रह किया। राणा के वकील जोशुआ एल ड्रेटल ने 23 दिसंबर को अपने जवाब में अमेरिकी सरकार की सिफारिश को चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि उनकी याचिका स्वीकार कर ली जाए।

राणा पर 26/11 के मुंबई हमले में मुख्य भूमिका अदा करने के आरोप हैं और वह पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो 2008 में भारत के वित्तीय केंद्र पर हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसकर ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरिमन हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत कई स्थानों पर हमला किया। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। नौ आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया। देश के वीर जवानों और सुरक्षाबलों ने अपनी जान की परवाह किए बिना इस हमले को रोका। यह दिन हमेशा देश की वीरता और बलिदान की याद दिलाता रहेगा।




Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

Content Writer

Next Story