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Donald Trump effect: अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने पीएचडी एडमिशन पर लगाई रोक

Donald Trump effect: 47 बिलियन डॉलर के वार्षिक बजट के साथ दुनिया के सबसे बड़े बायोमेडिकल रिसर्च फंडर, यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की फंडिंग एक महीने के लिए रोक दी गई है।

Newstrack          -         Network
Published on: 28 Feb 2025 3:27 PM IST
Donald Trump effect: अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने पीएचडी एडमिशन पर लगाई रोक
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US universities ban PhD admissions   (photo; social media )

Donald Trump effect: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सख्त प्रशासनिक फैसलों ने अमेरिका में उथलपुथल मचा दी है। संघीय कर्मचारी निकाले जा रहे हैं, अवैध इमिग्रेंट्स दहशत में हैं। तमाम फेडरल फंडिंग बंद कर दी गयी है जिसका एक असर शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ा है। कुछ अमेरिकी विश्वविद्यालय फेडरल फंडिंग पर अनिश्चितताओं के कारण पीएचडी में एडमिशन घटा रहे हैं या बंद भी कर रहे हैं। कुछ विश्वविद्यालयों ने सार्वजनिक रूप से अपनी रणनीतियों की घोषणा की है, जिससे भावी छात्रों को यह अनिश्चितता बनी हुई है कि कौन से संस्थान प्रवेश कम कर रहे हैं।

प्रतिष्ठित ब्रिटिश वैज्ञानिक पत्रिका नेचर ने कई प्रभावित वैज्ञानिकों से बात की, जिनमें से कुछ को ईमेल प्राप्त हुए थे कि अगर फंडिंग समस्याएँ न होतीं तो उन्हें एडमिट कर लिया जाता, जबकि कई अन्य को सूचित किया गया है कि रिसर्च के प्रोग्राम रोक दिए गए हैं। द डेली पेनसिल्वेनिया के अनुसार, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों को ग्रेजुएट प्रोग्राम में शामिल होने के लिए प्रस्ताव मिले, लेकिन बाद में इन प्रस्तावों को रद्द कर दिया गया।

विश्वविद्यालयों को अरबों का नुकसान

47 बिलियन डॉलर के वार्षिक बजट के साथ दुनिया के सबसे बड़े बायोमेडिकल रिसर्च फंडर, यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की फंडिंग एक महीने के लिए रोक दी गई है। इस संसथान ने पहले ही तमाम खर्चों के लिए फंडिंग को 40-70 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव दिया है, जिससे विश्वविद्यालयों को अरबों का नुकसान हो सकता है। फ़िलहाल तो एक मुकदमे ने अस्थायी रूप से इस नीति को रोक दिया है लेकिन अंतिम निर्णय कुछ और हो सकता है।

नेचर पत्रिका ने जानकारी की सच्चाई जानने के लिए लगभग 30 विश्वविद्यालयों से संपर्क किया। पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय जैसे कुछ ने एडमिशन रोकने की पुष्टि की, जबकि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय जैसे अन्य ने कहा कि उन्होंने कटौती की है लेकिन इसका सम्बन्ध फेडरल फंडिंग से नहीं है। 60 प्रतिशत से अधिक विश्वविद्यालयों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

फंड्स का हवाला

एरिज़ोना विश्वविद्यालय में भौतिकी के एक आवेदक ने नेचर को रिजेक्शन ईमेल शेयर किया, जिसमें छात्र की मजबूत रैंकिंग के बावजूद उसे एडमिशन नहीं दिया गया और इसके लिए फंड्स का हवाला दिया गया था। इसी तरह, नेचर ने बताया कि वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में एक सामाजिक विज्ञान आवेदक को जनवरी में एक अनौपचारिक प्रस्ताव मिला था, लेकिन तीन सप्ताह बाद प्रवेश रोक दिए गए। कुछ विश्वविद्यालयों ने हाल के हफ्तों में प्रवेश रोक दिए और फिर से शुरू किए, जिससे भ्रम और बढ़ गया।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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