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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति, तहरीक तालिबान के चलते बिगड़े हालात

अफगानिस्तान (Afghanistan) से ऑपरेट कर रहे तहरीक-ए- पाकिस्तान तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान सेना (pakistan army) की कार्रवाई से दोनों देशों के बीच हालात काफी बिगड़ गए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 2 May 2022 1:16 PM GMT
War-like situation between Afghanistan and Pakistan, situation worsened due to Tehreek Taliban
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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति: Photo - Social Media

New Delhi: अफगानिस्तान (Afghanistan) से ऑपरेट कर रहे तहरीक-ए- पाकिस्तान तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान सेना (pakistan army) की कार्रवाई से दोनों देशों के बीच हालात काफी बिगड़ गए हैं। अफगानिस्तान में शासन कर रही तालिबान सरकार (Taliban government) ने तो पाकिस्तान को सीधी धमकी तक दे डाली है।

दरअसल, अफगानिस्तान के खोस्त और कुनार प्रांतों (Kunar Provinces) में पाकिस्तान के हवाई हमलों ने अफगानिस्तान के इस दूरस्थ, जंगली और चट्टानी हिस्से में सीमा पार संघर्ष की गंभीर स्थिति बना दी है। इन हमलों में 45 लोग मारे गए थे। इन हमलों के कुछ दिन पहले पाकिस्तान सीमा पर तहरीक आतंवादियों के हमले में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। माना जाता है कि पाकिस्तान ने उसी के जवाब में हवाई हमले किये हैं।

तालिबान सरकार ने कहा- "आक्रमण" को बर्दाश्त नहीं

पाकिस्तानी अधिकारियों ने हवाई हमलों की पुष्टि या टिप्पणी नहीं की है जबकि अफगान अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तानी सैन्य विमान द्वारा ये हमले किए गए। पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में लोगों को डर है कि हाल के हवाई हमले लंबे समय से चल रहे संघर्ष के एक हिंसक नए अध्याय की शुरुआत है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री, मुल्ला मुहम्मद याकूब ने एक भाषण में चेतावनी दी है कि तालिबान सरकार अफगान धरती पर पड़ोसी देशों के किसी भी "आक्रमण" को बर्दाश्त नहीं करेगी।

एक दशक से अधिक समय से पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखने वाले आतंकवादियों के सफाए की मुहिम छेड़ी हुई है। ये आतंकी छिटपुट रूप से तोपखाने से हमले करते हैं, जिसमें हर साल कुछ नागरिक मारे जाते हैं।अफगानिस्तान में पश्चिमी समर्थित सरकार को तालिबान द्वारा गिराए जाने के बाद, पाकिस्तान में कई लोगों को उम्मीद थी कि तालिबान शासन में उग्रवादियों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर लगाम लगेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। तहरीक-ए- नामक तालिबान या पाकिस्तानी तालिबान ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है।

Photo - Social Media

हाल के महीनों में, पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़े हैं। अगस्त में पश्चिमी समर्थित अफगान सरकार के गिरने के बाद से, पाकिस्तानी तालिबान ने पाकिस्तान में 82 हमले किए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोगुने से अधिक है। इस्लामाबाद स्थित पाक इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज के अनुसार इन हमलों में 133 लोग मारे गए हैं।

पाकिस्तानी तालिबान का उग्रवाद

2009 के आसपास पाकिस्तानी तालिबान के उग्रवाद के चरम की तुलना में ये संख्या अभी भी अपेक्षाकृत कम है, लेकिन हाल ही में हिंसा में तेज वृद्धि ने इस आशंका को हवा दी है कि आतंकी समूह पिछले एक दशक में गिरावट के बाद ताकत हासिल कर रहा है। अब ये चिंता बनी है कि अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार आतंकियों का अड्डा बन सकती है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट ने देश भर में कई हमले किए हैं। मुख्य रूप से अफगानिस्तान के शिया अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले हुये हैं। दूसरी ओर तालिबान अधिकारियों ने पाकिस्तानी तालिबान सहित आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने से इनकार किया है। लेकिन यह मुद्दा अफगान और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच एक फ्लैश प्वाइंट बन गया है, जो दावा करते हैं कि आतंकवादी समूह का हौसला नई तालिबान सरकार के तहत बढ़ा है।

Shashi kant gautam

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