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Wheat Stock: दुनिया के पास बचा सिर्फ 10 हफ्ते का गेहूं स्टॉक, अब अनाज बना बड़ा हथियार

Wheat Stock: दुनिया के पास 10 हफ्ते का गेहूं बचा है। 2008 के बाद से गेहूं निचले स्तर पर।

Neel Mani Lal
Published on: 21 May 2022 1:24 PM IST
10 weeks only wheat stock
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दुनिया के पास बचा सिर्फ 10 हफ्ते का गेहूं स्टॉक (Social Media)

Wheat Stock: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद बाधित हुई गेहूं की सप्लाई का अब नतीजा ये है कि दुनिया के पास सिर्फ 10 सप्ताह का गेहूं भंडार बचा है। चेतावनी दी गई है कि वैश्विक गेहूं का भंडार 2008 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है। कृषि डेटा फर्म "ग्रो इंटेलिजेंस" के अनुसार, विश्व गेहूं भंडार, वार्षिक खपत के मुकाबले 33 प्रतिशत पर रहता है, लेकिन अब ये स्टॉक 20 प्रतिशत तक गिर सकता है। इसका अनुमान है कि विश्व भंडार में गेहूं की आपूर्ति के केवल 10 सप्ताह के लिए शेष बची है।

रूस और यूक्रेन दुनिया के गेहूं निर्यात का लगभग एक चौथाई हिस्सा देते हैं। पश्चिम को डर है कि रूसी प्रेसिडेंट पुतिन संभवतः खाद्य आपूर्ति को हथियार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। रूस में इस साल गेहूं की बम्पर फसल होने की उम्मीद है। चूंकि खराब मौसम से यूरोप और अमेरिका में गेहूं उत्पादन प्रभावित हुआ है सो ऐसे में पुतिन के पास एक मजबूत हथियार गेहूं है।

असाधारण हालात

लंदन के द टेलीग्राफ के अनुसार, ग्रो इंटेलिजेंस के मुख्य कार्यकारी सारा मेनकर ने चेतावनी दी है कि वैश्विक खाद्य आपूर्ति कई असाधारण चुनौतियों से प्रभावित हो रही है, जिसमें उर्वरक की कमी, जलवायु परिवर्तन और खाना पकाने के तेल और अनाज की रिकॉर्ड कमी शामिल है। सारा मेनकर ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद से कहा है कि - पर्याप्त तत्काल और आक्रामक समन्वित वैश्विक कार्रवाइयों के बिना, हम असाधारण मानव पीड़ा और आर्थिक क्षति के जोखिम में हैं। उन्होंने कहा कि बहुत बड़े जलजले जैसी स्थिति है जो भू-राजनीतिक युग को नाटकीय रूप से नया रूप दे सकती है।

युद्ध ने इस क्षेत्र में कृषि उत्पादन को बाधित कर दिया है और वैश्विक खाद्य कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर भेज दिया है, जिससे विकासशील देशों में अशांति की आशंका बढ़ गई है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक, भारत ने अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि उर्वरक, चारा और ईंधन की ऊंची लागत के चलते गेहूं का संकट और बढ़ गया है। पश्चिमी देशों को यह भी डर है कि रूसी राष्ट्रपति जानबूझकर यूक्रेन में उपकरणों को नष्ट करके और अनाज की चोरी करके वैश्विक खाद्य आपूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस हफ्ते बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली ने खाद्य कीमतों में भयानक वृद्धि की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन के पास गेहूं का भंडार है, लेकिन वह इस समय इसे बाहर नहीं निकाल सकता है। यह एक बड़ी चिंता है। यह केवल इस देश के लिए एक बड़ी चिंता नहीं है, यह विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चिंता है।

उधर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि पुतिन भोजन को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लाखों यूक्रेनियन और करोड़ों अन्य लोगों के लिए खाद्य आपूर्ति को सचमुच बंधक बना लिया गया है। यूक्रेनी गोदामों में लगभग 20 मिलियन टन अनाज बेकार पड़ा है जबकि वैश्विक खाद्य आपूर्ति घट गई है और कीमतें आसमान छू रही हैं।

रूस ने कसा शिकंजा

इस बीच, मजबूत फसल के बाद रूस गेहूं की आपूर्ति पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। राबोबैंक में कृषि जिंस अनुसंधान के प्रमुख कार्लोस मेरा ने कहा कि रूस इस साल 84.9 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन करने के लिए ट्रैक है। शुष्क परिस्थितियों के कारण पश्चिमी उत्पादकों की स्थिति खराब रही है। अमेरिका के दक्षिणी मैदानी क्षेत्र, "गेहूं बेल्ट" निरंतर सूखे की स्थिति का अनुभव कर रहा है।

ईयू की योजना

खाद्य संकट से निपटने के लिए यूरोपीय आयोग ने यूक्रेन को अपने गेहूं और अन्य अनाज को रेल, सड़क और नदी द्वारा निर्यात करने में मदद करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि काला सागर बंदरगाहों की रूसी नाकाबंदी को दूर किया जा सके। यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने कहा है कि योजना का उद्देश्य वैकल्पिक मार्ग स्थापित करना और सीमाओं के बीच क्लियर रास्ता बनाना है।



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Ragini Sinha

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