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Canada New PM: ट्रूडो के बाद कौन होगा कनाडा का अगला पीएम, दावेदारों की सूची में इन दो भारतीयों के नाम भी शामिल
Canada New PM: कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अगला पीएम कौन होगा इसमें चर्चा तेज हो गई है।
Canada New PM: भारत से तनातनी का रिश्ता रखने वाले जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लिबरल पार्टी के नेता पद को छोड़ने का ऐलान भी कर दिया है। ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान कनाडा तमाम आंतरिक चुनौतियां का सामना कर रहा था और उसके साथ ही उनको हटाने की मांग तेज हो गई थी। प्रधानमंत्री पर छोड़ने के बाद नए नेता के चुने जाने तक ट्रूडो अपने पद पर बने रहेंगे।
ट्रूडो ने इस बात की पुष्टि की है कि कनाडा की संसद इस साल 24 मार्च तक निलंबित रहेगी जब लिबरल पार्टी के नए नेता को चुने जाने की उम्मीद है। ट्रूडो तब तक अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में काम कर सकते हैं। ट्रूडो के इस्तीफे के ऐलान के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि कनाडा का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में जिन दावेदारों के नाम सामने आए हैं,उनमें भारतीय मूल की अनीता आनंद और जॉर्ज चहल के नाम भी शामिल है।
भारतीय मूल की अनीता आनंद मजबूत दावेदार
कनाडा में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद भी शामिल हैं। आनंद को अपने प्रभावशाली शासन और सार्वजनिक सेवा के अच्छे रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। मौजूदा समय में 57 वर्षीय अनीता आनंद देश की परिवहन और आंतरिक मंत्री के रूप में काम कर रही हैं। बीबीसी ने अनीता आनंद को पांच शीर्ष दावेदारों में माना है जो आने वाले दिनों में जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा के प्रधानमंत्री बन सकती हैं। अनीता आनंद के प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडा के साथ भारत के रिश्ते सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है। ट्रूडो के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भारत और कनाडा के रिश्ते बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
अनीता आनंद की मजबूत एक शैक्षणिक पृष्ठभूमि रही है। आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीतिक अध्ययन में स्नातक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में स्नातक और टोरंटो विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने दुनिया के कई प्रसिद्ध संस्थानों में विद्यार्थियों को पढ़ाया भी है। इन संस्थानों में येल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी शामिल हैं। सियासी मैदान में सक्रिय होने से पहले वे टोरंटो विश्वविद्यालय में विधि की प्रोफेसर के रूप में काम कर रही थीं।
भारतीय मूल के जॉर्ज चहल का नाम भी चर्चाओं में
इस बीच लिबरल पार्टी के कुछ सांसदों ने नए प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय मूल के सांसद जॉर्ज चहल का नाम भी सुझाया है। चहल को ट्रूडो के प्रखर आलोचक के रूप में देखा जाता रहा है और वे कई मौकों पर ट्रूडो की खुलकर आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने ट्रूडो से पद से इस्तीफा देने की भी मांग की थी। एक अधिवक्ता और सामुदायिक नेता के रूप में काम करने वाले चहल ने काउंसिलर के रूप में काफी काम किया है। वे नेचुरल रिसोर्सेस पर स्थायी समिति और सिख कॉकस के अध्यक्ष भी हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
मेलानी जोली
भारतीय मूल के इन दोनों दावेदारों के अलावा विदेश मंत्री मेलानी जोली को भी पीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। 45 साल की जोली ने इजरायल-हमास संघर्ष और कनाडाई नागरिकों की निकासी सहित अंतरराष्ट्रीय संकटों के दौरान अपनी मजबूत नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। ऑक्सफोर्ड से स्नातक की पढ़ाई करने वाली जोली को आगे बढ़ाने में ट्रूडो की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है। ट्रूडो के प्रोत्साहन की वजह से ही वे सियासी मैदान में सक्रिय हुई थीं।
क्रिस्टिया फ्रीलैंड
पत्रकार और उप प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुकीं क्रिस्टिया फ्रीलैंड भी प्रधानमंत्री पद के दावेदारों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने पद से इस्तीफा दिया था जिस पर कनाडा के लोग हैरान रह गए थे। 56 साल की क्रिस्टिया फ्रीलैंड कनाडा के वित्त मंत्री के रूप में भी काम कर चुकी हैं। लिबरल पार्टी में वे 2013 से ही प्रमुख भूमिका निभाती रही हैं। कनाडा की व्यापारिक और आर्थिक नीतियों के निर्धारण में उनकी प्रमुख भूमिका मानी जाती रही है।
फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन
कनाडा में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन का नाम भी चर्चाओं में है। मौजूदा समय में वे नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। 54 वर्षीय शैम्पेन 2015 में राजनीति के मैदान में सक्रिय हुए थे और उसके बाद उन्होंने कैबिनेट में कई प्रमुख भूमिकाओं में काम किया है। वे ट्रूडो की टीम का प्रमुख हिस्सा रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कनाडा को मजबूत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है।
मार्क कार्नी
प्रधानमंत्री पद से ट्रूडो के इस्तीफा के बाद 59 वर्षीय मार्क कार्नी का नाम भी प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में लिया जा रहा है। उन्होंने हार्वर्ड से स्नातक की पढ़ाई की है। वे बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में भी काम कर चुके हैं। ट्रूडो के उत्तराधिकारी के रूप में उनका नाम भी काफी मजबूती से उभरा है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि उन्होंने अपने कॅरियर के दौरान कभी भी किसी सार्वजनिक पद पर काम नहीं किया है मगर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर वे ट्रूडो के प्रमुख सलाहकार की भूमिका निभा चुके हैं।