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Syria Civil War: कौन हैं अबू मोहम्मद अल जुलानी, जिसने सीरिया में कर दिया तख्तापलट, अमेरिका ने रखा था इनाम

Syria War: विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का नेता अबू मोहम्मद अल जुलानी सऊदी अरब के शहर रियाद का रहने वाला है। उसका जन्म सऊदी अरब में साल 1982 में हुआ था।

Shishumanjali kharwar
Published on: 8 Dec 2024 3:00 PM IST (Updated on: 8 Dec 2024 4:53 PM IST)
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कौन हैं अबू मोहम्मद अल जुलानी (न्यूजट्रैक)

Syria Civil War: सीरिया में लगभग पूरी तरह से तख्तापलट हो गया है। विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा भी कर लिया है। विद्रोही हर तरफ से राजधानी में घुस चुके हैं। वहीं विद्रोहियों के सीरिया पर कब्जा करने के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद भी देश छोड़ फरार हो चुके हैं। सीरिया में असद परिवार के 50 साल के शासन का भी अंत हो गया है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच सभी यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर सीरिया में तख्तापलट करने के पीछे किस शख्स का हाथ है।

यह उलटफेर अचानक हुआ या फिर सालों से इस मकसद को अंजाम देने की तैयारी की जा रही थी? सीरिया में तख्तापलट के इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाला अबू मोहम्मद अल जुलानी है। साल 2017 में अमेरिका ने अबू मोहम्मद अल जुलानी जुलानी पर 84 करोड़ 67 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। अबू मोहम्मद अल जुलानी विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का नेता है। सीरिया में तख्तापलट के पीछे इसी विद्रोही गुट का हाथ है।

कौन हैं अबू मोहम्मद अल जुलानी?

विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का नेता अबू मोहम्मद अल जुलानी सऊदी अरब के शहर रियाद का रहने वाला है। उसका जन्म सऊदी अरब में साल 1982 में हुआ था। अबू मोहम्मद अल जुलानी के पिता सऊदी अरब में पेट्रोलियम इंजीनियर का काम करते थे। जब अबू मोहम्मद अल जुलानी साल साल का था। तब उसका परिवार सीरिया की राजधानी दमिश्क में रहने लगा था। उसका बचपन का नाम अहमद हुसैन अल-शरा है। साल 2003 में 21 साल की उम्र में जुलानी इराक पहुंचा और वहां अलकायदा में शामिल हो गया।

अबू मोहम्मद अल जुलानी बगदादी का भी काफी करीबी है। उसने बगदादी के कैंप में ही ट्रेनिंग ली और फिर दोबारा सीरिया में रहने लगा था। साल 2006 में अमेरिकी सेना ने इराक में अबू मोहम्मद अल जुलानी को गिरफ्तार कर लिया था। वह पांच साल तक जेल में था। जेल से बाहर आते ही बगदादी ने जुलानी को सीरिया में अल-कायदा की शाखा, अल-नुसरा फ्रंट स्थापित करने का काम सौंप दिया। उसने इदलिब में अपना प्रभाव बढ़ाया।

साल 2013 में अल बगदादी ने अपनी ताकत बढ़ाने का फैसला किया। जिसके बाद अल-बगदादी ने अचानक यह ऐलान कर दिया कि उसका समूह अल-कायदा के साथ नहीं रहेगा। प्रभावी रूप से अल-नुसरा फ्रंट को आईएसआईएल नामक एक नए समूह में शामिल किया जाएगा। लेकिन इस घोषणा के बाद अल-जुलानी ने अल-कायदा के साथ रहना ही तय किया।

खुद को क्यों किया अल-कायदा से अलग?

अबू मोहम्मद अल जुलानी ने साल 2014 में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सीरिया पर “इस्लामी कानून” के तहत शासन होना चाहिए। जुलानी ने इस बयान के कुछ सालों के बाद ही अलकायदा के ग्लोबल खलीफा बनाने के प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया और सीरिया में अपने ग्रुप को मजबूत करने में लग गया।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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