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Bangladesh Khalida Zia: कौन हैं बंगाल की खालिदा जिया? बन सकती हैं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री
Khalida Zia: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नई सरकार का गठन होने जा रहा है। इसमें नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ यूनुस को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।
Bangladesh Clash: बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं अब शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सवाल उठ रहा है कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि खालिदा जिया फिर से राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं। वहीं नई सरकार में नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का मुख्य सलाहकार यानी चीफ एडवाइजर बनाया जा सकता है।
कौन हैं खालिदा जिया
शेख हसीना के विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की खालिदा जिया प्रमुख हैं। खालिदा ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की 1978 में स्थापना की थी। पाकिस्तान की बेनजीर भुट्टो के बाद वह मुस्लिम दुनिया की दूसरी महिला पीएम बनीं। मालूम हो कि खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। जिया का राजनीतिक करियर उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद शुरू हुआ जो 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने 1991 में वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं।
पति के मौत के बाद खालिदा ने दूसरे चुनाव में हिस्सा लिया और 2001 से 2006 तक वह दूसरे कार्यकाल में भी पीएम रहीं। 2006 में उनकी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जनवरी 2007 के चुनावों को राजनीतिक हिंसा और अंदरूनी कलह के कारण स्थगित कर दिया गया, जिसके कारण कार्यवाहक सरकार पर सेना ने नियंत्रण कर लिया। अंतरिम शासन के दौरान कार्यवाहक सरकार ने जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति ने उनको रिहा करने के आदेश दिए। इससे कयास लगाए जा रहे कि खालिदा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकती हैं।
कौन हैं मोहम्मद युनुस
नई सरकार के लिए मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार यानी चीफ एडवाइजर बनाने की मांग रही है जिसे यूनुस ने मंजूर भी कर लिया है। मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, एक बैंकर, एक अर्थशास्त्री और सामाजिक नेता हैं। गरीबी उन्मूलन के विशेष प्रयासों के लिए 2006 में यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। इसके पीछे की कहानी ये है कि यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराता है। बांग्लादेश को अपने ग्रामीण बैंक के माध्यम से माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनियाभर में सराहना हासिल हुई थी। उन्होंने वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। बांग्लादेश में उन्होंने ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रो ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया था।